संजोग वाली पीठ: अयोध्या से काशी तक संजोग और समानता की डोर!

अयोध्या के रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद और अब ज्ञानवापी मामले में पुरातात्विक सर्वेक्षण पर आपत्ति जताने वाली याचिका के साथ जस्टिस धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ का नाम जुड़ा हुआ है. ये इस मामले में एक समानता है.

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ज्ञानवापी विवाद ज्ञानवापी विवाद

संजय शर्मा

  • नई दिल्ली,
  • 17 मई 2022,
  • अपडेटेड 4:20 PM IST
  • ज्ञानवापी मामले में सर्वे पूरा, दावों पर बहस
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जुलाई 2019 से चालीस दिनों की लगातार सुनवाई बाद 9 नवंबर 2019 को दिए गए फैसले के बाद सुप्रीम कोर्ट के सामने फिर मंदिर-मस्जिद विवाद आया है. इस बार काशी का ज्ञानवापी मुद्दा है.

अयोध्या के रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद और अब ज्ञानवापी मामले में पुरातात्विक सर्वेक्षण पर आपत्ति जताने वाली याचिका के साथ इस पीठ के दोनों जजों का किसी न किसी रूप में जुड़ाव रहा है. सुप्रीम कोर्ट की इस मौजूदा खंडपीठ में जस्टिस धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ 2019 में अयोध्या मामले की सुनवाई करने वाली पांच जजों की विशेष पीठ के सदस्य रहे थे. उस पीठ ने जुलाई अगस्त के बीच 40 दिनों तक दिन पर दिन सुनवाई की थी.

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जस्टिस पामिदीघंटम श्री नरसिम्हा अयोध्या मामले में बतौर वरिष्ठ वकील हिंदू पक्षकारों में से एक की ओर से पेश हुए थे. तब उन्होंने विवादित परिसरों में हिंदू श्रद्धालुओं और सनातन मरावलंबियों के पूजा उपासना के मौलिक अधिकार की वकालत की थी. तब वकील नरसिम्हा राजेंद्र सिंह की ओर से पेश हुए थे. राजेंद्र सिंह गोपाल सिंह विशारद के उत्तराधिकारी थे. विशारद ने साल 1950 में पहली बार अयोध्या के रामजन्मभूमि मामले में कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था.

गोपाल सिंह विशारद के उत्तराधिकारी राजेंद्र सिंह की तरफ से 2019 में वकील नरसिम्हा सुप्रीम कोर्ट की विशेष पीठ के सामने पेश हुए थे. तब वकील नरसिम्हा ने दलील दी थी कि वो बगैर किसी बाधा के भगवान श्रीराम की जन्मभूमि पर पूजा करने के अधिकारी हैं. अपनी याचिका में विशारद ने भगवान राम की मूर्तियों को हटाने के खिलाफ स्थायी निषेधाज्ञा की भी मांग की थी. बाद में सीनियर एडवोकेट नरसिम्हा को 31 अगस्त 2021 को बार से सीधे सुप्रीम कोर्ट का जज नियुक्त किया गया.

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पीठ के इन दोनो जजों के बीच एक साम्यता और है कि कि दोनों ही भविष्य में मुख्य न्यायाधीश बनने वाले हैं. जस्टिस चंद्रचूड़ इसी साल जस्टिस यूयू ललित के सीजेआई पद से सेवा निवृत्ति के बाद नवंबर में चीफ जस्टिस बनेंगे. वो ठीक दो साल तक चीफ जस्टिस रहने के बाद नवंबर 2025 में रिटायर होंगे. जस्टिस नरसिम्हा 2027 में CJI बनेंगे और सात महीने तक सुप्रीम कोर्ट को लीड करेंगे.

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