'महिला यौन संबंध बनाती है तो प्रजनन अधिकारों का त्याग नहीं करती', द्वारका कोर्ट की टिप्पणी

द्वारका कोर्ट ने कहा कि स्वेच्छा से यौन संबंध बनाकर यौन स्वायत्तता का उपयोग करने वाली महिला के बारे में यह भी नहीं माना जा सकता कि उसने अपने प्रजनन अधिकारों के उल्लंघन के लिए भी सहमति दे दी है.

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द्वारका कोर्ट (फाइल फोटो) द्वारका कोर्ट (फाइल फोटो)

संजय शर्मा

  • नई दिल्ली,
  • 06 अक्टूबर 2021,
  • अपडेटेड 1:35 PM IST
  • रेप और अबॉर्शन के आरोपी को जमानत देने से इनकार
  • दिल्ली के द्वारका कोर्ट ने की आरोपी की जमानत पर सुनवाई

एक महिला के साथ रेप और उसे कई बार अबॉर्शन के लिए मजबूर करने के आरोपी को दिल्ली के द्वारका कोर्ट ने जमानत देने से इनकार कर दिया है. द्वारका कोर्ट ने रेप और अबॉर्शन के आरोपी की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि जब एक महिला अपने साथी के साथ यौन संबंध बनाती है तो वह अपने प्रजनन अधिकारों का त्याग नहीं करती.

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द्वारका कोर्ट ने कहा कि स्वेच्छा से यौन संबंध बनाकर यौन स्वायत्तता का उपयोग करने वाली महिला के बारे में यह भी नहीं माना जा सकता कि उसने अपने प्रजनन अधिकारों के उल्लंघन के लिए भी सहमति दे दी है. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के द्वारका कोर्ट ने ये टिप्पणी आरोपी शुभम सिंह की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए की. कोर्ट ने राहुल को राहत देने से इनकार कर दिया.

द्वारका कोर्ट ने कहा कि कई गर्भधारण और गर्भपात के माध्यम से प्रजनन स्वायत्तता का उल्लंघन करने का कार्य सहमति के तत्व को छीन लेता है. कोर्ट ने कहा कि हो सकता है कि सहमति यौन कृत्य के लिए ही दी गई हो. कोर्ट ने अपने आदेश में ये भी कहा कि एक महिला जब अपने साथी के साथ यौन संबंध बनाती है तो वह अपने अन्य अधिकारों का त्याग नहीं करती है.

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दिल्ली के द्वारका की कोर्ट ने कहा कि अपने साथी के साथ यौन संबंध बनाते हुए महिला अपने जिन अन्य अधिकारों का त्याग नहीं करती उनमें प्रजनन अधिकार भी शामिल है.

 

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