बॉम्बे हाईकोर्ट ने सरकारी खजाने की धोखाधड़ी के आरोपी की सजा को निलंबित कर दिया. बता दें कि मुंबई की विशेष सीबीआई अदालत ने आरोपी पर छह साल की सजा और 10.2 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था. आरोपी कृष्ण कुमार गुप्ता ने नवंबर 2021 में विशेष सीबीआई अदालत द्वारा सजा के खिलाफ अपील करते हुए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था.
न्यायमूर्ति अनुजा प्रभुदेसाई ने कहा कि गुप्ता लंबित मुकदमे में जमानत पर थे. उन्होंने स्वतंत्रता का दुरुपयोग नहीं किया है. वहीं आरोपी गुप्ता की ओऱ से पेश हुए वकील अशोक सरावगी ने कोर्ट से कहा कि जो भी गलत रकम कथित रूप से भुगतान की गई थी उसका 50 फीसदी राशि उनके क्लाइंट की ओर से जमा की जाएगी. कोर्ट के आदेश के बाद 25 लाख रुपये एक सप्ताह के अंदर जमा किए जाएंगे. जबकि शेष रकम चार महीने के भीतर जमा की जाएगी.
आरोपी कृष्ण कुमार गुप्ता के खिलाफ आरोप यह था कि 1997 से 1998 के बीच उसने अन्य सह-आरोपियों के साथ जाली दस्तावेजों के आधार पर कस्टम विभाग को 2,32,09,117 रुपये का फेक पेमेंट करने का बिल सौंपा. गलत तरीके से बनाए गए फर्जी दस्तावेजों से हुए भुगतान से सरकार को नुकसान हुआ.
विशेष न्यायाधीश ने गुप्ता को भारतीय दंड संहिता की धारा 120-बी, 420, 471 के साथ 120-बी के तहत अपराधों का दोषी ठहराया था. न्यायाधीश ने इस आधार पर 10.2 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था.
कोर्ट ने 50 हजार रुपये की अंतरिम जमानत पर गुप्ता को रिहा करने का आदेश दिया. साथ ही उससे पहले 25 लाख रुपये जमा करने को कहा है. अदालत ने कहा कि अगर आऱोपी गुप्ता राशि को जमा नहीं कर पाता है तो जुर्माने के निलंबन का आदेश रद्द माना जाएगा.
विद्या