उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के धराली गांव में मंगलवार को बादल फटने के बाद अचानक आई भयंकर बाढ़ ने ऐसा मंजर दिखाया, जिसे देखकर किसी के भी रोंगटे खड़े हो जाएं. चंद सैकडों में जो कुछ हुआ, वह सिर्फ एक प्राकृतिक आपदा नहीं थी, एक ऐसा दृश्य था जिसे देखकर पत्थर दिल भी कांप जाए. लोगों की घबराई हुई आंखें, मलबे में दबी चीखें, और वो पल जब किसी को समझ ही नहीं आया कि कहां भागें, कैसे बचें.
इस बीच घटना का एक ऐसा वीडियो सामने आया है जिसमें देखा जा सकता है कि कैसे लोग होटलों और गेस्ट हाउस से बदहवास हालत में जान बचाकर भागते नजर आते हैं, जबकि कुछ ही पलों में तेज बहाव वाले पानी और मलबे की दीवार उन पर टूट पड़ती है. वीडियो रिकॉर्ड कर रहा व्यक्ति चीखता है, जान बचाकर भागते लोगों को चेतावनी देता, लेकिन तब तक कई लोग तेज बहाव में फंस चुके होते हैं. कीचड़ और मलबे से भरी नदी जैसे गली-गली में उतर आई हो, लोगों को बहा ले जाने के लिए.
"भागो रे... भागो!"
वीडियो रिकॉर्ड कर रहा व्यक्ति लोगों को चिल्लाकर "भागो रे, भागो!" कहते हुए चेतावनी देता है, लेकिन तब तक कई लोग पानी के तेज़ बहाव की चपेट में आ चुके होते हैं. खीर गाढ़ गधेरा में अचानक आए उफान ने सड़क किनारे बसे होटलों, रेस्टोरेंट्स और घरों को चंद मिनटों में बहा दिया. वीडियो में साफ़ सुना जा सकता है कि लोग चिल्ला रहे हैं, दम घुटता महसूस कर रहे हैं और अपने परिजनों को फोन करने की कोशिश कर रहे हैं.
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, 20 से 25 होटल और होमस्टे इस बाढ़ में बह गए हैं. पानी इतनी तेजी से नीचे आया कि लोगों को भागने तक का समय नहीं मिला. कई वाहन, दुकानें और निर्माणाधीन ढांचे भी पानी में समा गए.
यहां देखें खौफनाक मंजर का वायरल वीडियो-
चार की मौत, कई लापता
उत्तरकाशी के जिलाधिकारी प्रशांत आर्य ने बताया कि अब तक चार लोगों की मौत की पुष्टि हुई है और 10 से 12 लोग मलबे में दबे हो सकते हैं. उन्होंने कहा कि नेटवर्क ठप होने की वजह से स्पष्ट जानकारी मिलने में परेशानी हो रही है. हर्षिल से आर्मी की टीम, ITBP की दो टीमें, तथा SDRF और NDRF के जवान मौके पर राहत-बचाव कार्यों में जुटे हैं. एनडीआरएफ की तीन और टीमें मनैरा, बड़कोट और देहरादून से रवाना की गई हैं.
प्रशासन ने जारी किया हेल्पलाइन नंबर
पीएम मोदी ने उत्तरकाशी हादसे पर दुख जताया है. उन्होंने पीड़ितों के प्रति संवेदना जताई है. जिला प्रशासन ने इस स्थिति को गंभीरता से लेते हुए राहत और बचाव कार्यों को शीघ्रता से अंजाम देने के लिए आपातकालीन हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं. प्रभावित लोग और उनके परिजन मदद के लिए निम्नलिखित नंबरों पर संपर्क कर सकते हैं - 01374222126, 01374222722 और 9456556431. इसके अतिरिक्त, डीईओसी (जिला आपातकालीन संचालन केंद्र) उत्तरकाशी भी समन्वय और आपदा प्रबंधन कार्य में सक्रिय है.
प्रत्यक्षदर्शी ने बयां किया खौफनाक मंजर
एक स्थानीय निवासी ने आजतक को बताया कि आज (मंगलवार को) दोपहर डेढ़ बजे फ्लड आई, इससे धराली में भारी तबाही मची है. करीब 60 से 70 लोगों का पता नहीं चल पा रहा है. उनके संपर्क नहीं हो पाया है. उन्होंने कहा कि साल 1978 में 5 अगस्त को ही कंजोडिया नामक जगह पर बाढ़ आई थी. आज धराली में तबाही मची है. उन्होंने कहा कि बादल फटने से होटल, लॉज,मार्केट और गांव सब तबाह हो गया है, हम अपने गांव मुखवा से ये भयावह मंजर देख रहे हैं. हमने कभी ऐसा मंजर नहीं देखा.
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