रामनगर और कालाडूंगी के बाद उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में भी मजार के नाम पर अतिक्रमण चरम पर है. यहां अवैध मजार बनाम अवैध मंदिर की कहानी भी सामने आ रही है. राजपुर रोड में वन विभाग की जमीन पर बनी मजार के ठीक सामने एक टेंट लगाकर मंदिर खड़ा कर दिया गया है. स्थानीय निवासियों का कहना है कि जब यहां अवैध तरीके से मजार बनी है तो मंदिर भी हो सकता है. इसी बीच मजार से जुड़ा एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है.
'ऐसा कोर्स होता है, जिससे बच्चे भी हो सकते हैं'
यहां के मौलाना ने आजतक से बातचीत में कहा कि यहां हर चीज का इलाज है. मौलाना दावा करते हैं कि यहां महिलाओं के लिए 3 महीने का ऐसा कोर्स होता है, जिससे बच्चे भी हो सकते हैं. यही नहीं नौकरी भी लगवाई जाती है. इसके साथ ही मकान, दुकान, कारोबार, शादी ब्याह और कोर्ट कचहरी के मामलों के लिए दुआएं भी की जाती हैं. साथ ही जड़ी बूटियों से भी इलाज किया जाता है. यह मजार 50 साल पुरानी है. बता दें कि मजार पर लगे बोर्ड में साफ लिखा है कि यहां झाड़ फूंक होती है.
एक हजार से ज्यादा मजारों को चिन्हित किया जा चुका
बता दें कि उत्तराखंड में बड़ी संख्या में गैर कानूनी मजारें बनाकर सरकारी जमीनों पर अतिक्रमण के मामले सामने आ रहे हैं. कालाढूंगी के जंगलों के पास दोनों तरफ सड़क के किनारे आपको बड़ी संख्या में मजारें नजर आएंगी. अब तक एक हजार से ज्यादा उन मजारों को चिन्हित किया जा चुका है, जो वन विभाग या सरकार की दूसरी जमीनों पर अवैध कब्जा करके बनाई गई हैं. इनमें से अब तक सैकड़ों मजारों को सरकार द्वारा ध्वस्त भी कराया जा चुका है.
जानिए जंगल में बनी मजार के मौलाना की ने क्या कहा
इन खुलासों के बीच बीते दिन आजतक की टीम जिम कॉर्बेट के बाद रामनगर से 30 किलोमीटर दूर कालाढूंगी के जंगलों के बीचों बीच बनी मजारों तक पहुंची थी. यहां प्रवेश वर्जित है, बावजूद इसके मजार बनी हैं. यहां मिले मौलाना ने बताया कि मजार कालू सैयद पीर के नाम पर बनी है, जबकि आजतक ने रामनगर में भी पड़ताल के दौरान इसी नाम पर कई मजार वहां पाई थीं.
मौलाना ने कहा कि कालू सैयद के नाम पर सैकड़ों मजारे बनाई हैं, जिसकी जहां मान्यता वहां इन्हीं के नाम पर मजार बना देते हैं. उत्तराखंड में कई जगह इसी नाम पर है जबकि गुजरात के रेलवे स्टेशन पर भी है. जबकि मौलाना को खुद यह नहीं पता कि असल में कालू सैयद की मौत कहां हुई थी? उसके बाद भी सैकड़ों जगह अवैध मज़ारें खड़ी हैं. उधर, कांग्रेस का आरोप है कि उत्तराखंड की धामी सरकार विकास कार्यों पर ध्यान देने के बजाय, धार्मिक साजिश रच रही है.
समर्थ श्रीवास्तव