भारतीय सैन्य अकादमी (IMA) में शनिवार को 155वें पासिंग आउट परेड का आयोजन किया गया. इस ऐतिहासिक अवसर पर 491 जेंटलमैन कैडेट्स ने कमीशन प्राप्त कर सशस्त्र बलों में अपनी यात्रा शुरू की. नेपाल सेना के प्रमुख सुप्रबल जनसेवा जनरल अशोक राज सिग्देल ने परेड की समीक्षा की और कैडेट्स को उनके अनुशासन, परिश्रम और उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए बधाई दी.
इस साल पास होने वाले बैच में 155 रेगुलर कोर्स, 44 टेक्निकल एंट्री स्कीम (टीईएस-44), 138 टेक्निकल ग्रेजुएट कोर्स और स्पेशल कमीशन ऑफिसर्स (एससीओ-53) के कैडेट्स शामिल थे. इसके अतिरिक्त 13 मित्र देशों के 35 विदेशी कैडेट्स ने भी प्रशिक्षण पूरा किया, जिनमें नेपाल सेना के दो कैडेट्स शामिल थे.
परेड के दौरान कई पुरस्कार प्रदान किए गए जिसमें, स्वॉर्ड ऑफ ऑनर और सिल्वर मेडल से जतिन कुमार को नवाजा गया. लेफ्टिनेंट जतिन कुमार की पृष्ठभूमि ने उनके सपनों को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. वह हरियाणा के पलवल जिले से हैं और एक ऐसे परिवार से आते हैं, जिसमें सैन्य सेवा की विरासत रही है. उनके पिता, जो भारतीय सेना में हवलदार के पद से 2018 में सेवानिवृत्त हुए, ने राष्ट्र के प्रति समर्पण का जीवंत उदाहरण प्रस्तुत किया और कुमार को प्रेरित किया.
100 परसेंट देना उसूल: ले जतिन कुमार
मीडिया से बातचीत में ले. जतिन कुमार ने कहा,'ट्रेनिंग की अगर बात करें तो उसमें कई तरह की चीजें होती हैं और उन चैलेंजेस पर काम करने के लिए मैं अपना 100 परसेंट देता हूं. यह मेरा उसूल है'. इसी ने मुझे पेबैक किया, जिसके वजह से मैं भारत में ड्रिल्स में पढ़ाई में अच्छा परफॉर्मेंस किया.
ले. जतिन कुमार के पिता किशन सिंह सेना से हवलदार के पद से रिटायर हुए उन्होंने कहा, 'हम हमेशा हमारे सब लोगों को देखते थे और सोचते थे कि हमारे बच्चे भी इनकी तरह बने और मेरे बेटे ने जितना हमें उम्मीद थी उससे भी ज्यादा बेहतर किया है.' बता दें कि लेफ्टिनेंट जतिन कुमार ने सैनिक स्कूल से अपनी पढ़ाई की और इसके बाद नेशनल डिफेंस अकादमी खड़कवासला से उन्होंने ग्रेजुएशन किया, जहां राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा उन्हें राष्ट्रपति रजत पदक से नवाजा गया था.
अंकित शर्मा