उत्तराखंड में अंकिता हत्याकांड को लेकर लोगों का आक्रोश कम नहीं हो रहा है. लोग अंकिता की हत्या करने वालों को फांसी दिए जाने की मांग को लेकर लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं. ऋषिकेश में दशहरे पर लोगों ने रावण, कुंभकरण और मेघनाद की जगह अंकिता भंडारी की हत्या के आरोपी पुलकित आर्य, अंकित और सौरभ का पुतला जलाया.
इस दौरान लोगों ने जमकर नारेबाजी कर प्रदर्शन किया. प्रदर्शन करने वाले लोगों ने चेतावनी दी है कि यदि अंकिता के हत्यारों को जल्द से जल्द फांसी की सजा नहीं दी गई, तो वे सड़कों पर उतरकर बड़ा प्रदर्शन करने को मजबूर हो जाएंगे. बता दें कि अंकिता भंडारी हत्याकांड को लेकर लगातार आरोपियों से पूछताछ की जा रही है.
श्यामपुर फाटक के निकट सैकड़ों की संख्या में लोग इकट्ठे हुए. लोगों ने नारेबाजी करते हुए कहा कि अंकिता हत्याकांड में सरकार दोषियों के बचाने की कोशिश कर रही है. लोगों का कहना है कि मामले में जांच कर रही एसआईटी ने दोषियों को सजा दिलाने में कहीं भी कोई कमी छोड़ी, तो लोग सड़कों पर उतर कर आंदोलन करने को मजबूर होंगे. इसकी जिम्मेदारी पुलिस और सरकार की होगी.
18 सितंबर को अंकिता को नहर में दिया था धक्का
उत्तराखंड के वनंतरा रिजॉर्ट में काम करने वाली अंकिता 18 सितंबर की रात से गायब थी. आरोप है कि रिजॉर्ट का मालिक पुलकित आर्य, मैनेजर सौरभ भास्कर और अंकित, ये तीनों मिलकर अंकिता को अपने साथ ले गए थे.
उन तीनों ने मिलकर पावर हाउस के पास शक्ति नहर में अंकिता को धक्का दे दिया. वापस आने के बाद अंकिता के गायब होने की झूठी कहानी रची थी.
नहर से 24 सितंबर को मिली थी लाश
घटना के करीब सात दिन बाद 24 सितंबर को अंकिता की डेड बॉडी को एसडीआरएफ की टीम ने नहर से बरामद किया था. अंकिता पर पुलकित आर्य की गंदी नजर थी. उसने अंकिता के साथ जबरदस्ती करने की कोशिश करने के साथ ही उसे रिजॉर्ट में आने वाले गेस्ट को एक्स्ट्रा सर्विस देने के लिए भी कहा था.
अंकिता अपने साथ हो रहे इस व्यवहार की हर जानकारी अपने दोस्त पुष्प को देती थी. दोनों के बीच हुई वॉट्सएप चैट भी सामने आई थी. पुलिस ने इस मामले में बीजेपी नेता के बेटे पुलकित आर्य सहित तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया था. तीनों दोषियों को फांसी दिए जाने की मांग की जा रही है.
उठे कई सवाल:
दरअसल, लोगों को शक है कि कहीं न कहीं इस केस के आरोपियों को बचाने की कोशिश की जा रही है. अब सवाल उठ रहे हैं कि पानी से करीब 6 दिन बाद निकाले जाने के बाद भी अंकिता की डेडबॉडी फूली क्यों नहीं थी? रिजॉर्ट में अंकिता का कमरा ही क्यों तोड़ा गया?
चश्मदीद सरोजनी थपलियाल ने बताया, अंकिता की डेडबॉडी को पानी से निकालने से लेकर पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल ले जाने तक मैं साथ रही थी. मैंने देखा कि डेडबॉडी बिल्कुल फूली हुई नहीं थी जबकि 6 दिन से नहर में डूबने की बात कही जा रही है. यही नहीं, दांत भी टूटे हुए थे और सीने पर खरोंच के निशान थे. इसके अलावा अंकिता की डेडबॉडी पर घाव भी थे और बाल उखड़े हुए थे.
सरोजनी ने आगे बताया, मेरे साथ दो महिलाएं प्रमिला रावत और आरती राणा भी थीं. वो दोनों भी अंकिता की डेडबॉडी देखकर चौंक गईं. इसकी वजह यह थी कि आखिर 6 दिन से पानी में डले शव को मछलियों तक ने नहीं खाया? डेडबॉडी पर चोट के निशान कैसे आए?
उठ रहे सवाल पर सवाल
डेडबॉडी के न फूलने से अब शक पर शक पैदा होता जा रहा है. अंकिता को न्याय दिलाने के लिए सोशल मीडिया पर आवाज उठा रहे यूजर्स आशंका जता रहे हैं कि कहीं हत्या करके अंकिता की लाश नहर में तो नहीं फेंकी गई? जबकि आरोपियों ने पुलिस को बताया था कि विवाद के बाद उन्होंने अंकिता को चिल्ला नहर में धक्का दे दिया था. यानी कि कहानी इतनी सीधी नहीं लगती, जितनी बताई और दिखाई जा रही है.
कृष्ण गोविंद कंसवाल