योगी सरकार का एक्शन, 2 और IPS अफसरों को जबरन रिटायर करने की तैयारी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भ्रष्ट पुलिस अफसरों के खिलाफ एक्शन के मूड में हैं और राज्य सरकार 2 और भ्रष्ट आईपीएस अफसरों को जबरन रिटायर करने की तैयारी में लग गई है. अभी 3 अफसरों को जबरन रिटायर किया गया है.

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भ्रष्ट आईपीएस अफसरों पर सख्ती के मूड में सीएम योगी आदित्यनाथ (फाइल-ट्विटर) भ्रष्ट आईपीएस अफसरों पर सख्ती के मूड में सीएम योगी आदित्यनाथ (फाइल-ट्विटर)

संतोष शर्मा

  • लखनऊ,
  • 25 मार्च 2021,
  • अपडेटेड 1:12 PM IST
  • पिछले दिनों 3 आईपीएस को जबरन रिटायर किया गया
  • मणिलाल, राकेश शंकर को जबरन रिटायर करने की तैयारी
  • कागजी खानापूर्ति शुरू, रिपोर्ट गृह मंत्रालय भेजी जाएगी

उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार एक्शन के मूड में आ गई है. योगी सरकार राज्य में भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के 3 अफसरों के बाद अभी 2 और आईपीएस अफसरों को भी जबरन रिटायर करने की तैयारी में लग गई है. कागजी खानापूर्ति शुरू कर दी गई है और जल्द ही इसकी रिपोर्ट केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजी जाएगी.

उत्तर प्रदेश सरकार ने आईजी सिविल डिफेंस अमिताभ ठाकुर, 10वीं वाहिनी पीएसी के कमांडेंट राजेश कृष्णा और पुलिस मुख्यालय में DIG (स्थापना) राकेश शंकर को उनके एसीआर के आधार पर जबरन रिटायर करने का फैसला लिया. 2 दिन पहले 3 आईपीएस अफसरों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति देने के बाद अब दो और आईपीएस अफसरों को जबरन रिटायर करने की कागजी कार्रवाई शुरू हो गई है.

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इन 2 आईपीएस अफसरों में 50,000 के ईनामी आईपीएस अफसर मणिलाल पाटीदार और पशुपालन घोटाले में व्यापारी को धमकाने पर जेल में बंद DIG अरविंद सेन का नाम शामिल है.

कागजी कार्रवाई शुरू

पुलिस मुख्यालय ने इन दोनों ही अफसरों के खिलाफ सामने आए मामलों, जांच रिपोर्ट और ACR के आधार पर कागजी कार्रवाई शुरू कर दी है. माना जा रहा है कि जल्द पुलिस महानिदेशक (DGP) मुख्यालय से रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी, जहां से अनिवार्य सेवानिवृत्ति देने के लिए DOPT को रिपोर्ट जाएगी.

बता दें कि महोबा में एसपी रहे मणि लाल पाटीदार पर खनन व्यापारी इंद्रकांत त्रिपाठी से वसूली और प्रताड़ित करने के आरोप हैं. पाटीदार पर महोबा के कबरई थाने में मुकदमा दर्ज है. मामला सामने आने पर एडीजी प्रयागराज की अगुवाई में जांच के लिए एसआईटी गठित की गई.

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फरार चल रहे IPS मणिलाल पाटीदार

एसआईटी की रिपोर्ट के आधार पर योगी सरकार ने पाटीदार को सस्पेंड कर जांच के आदेश दे दिए, लेकिन कार्रवाई शुरू होने के बाद से पाटीदार फरार हो गए और अब तक गिरफ्त में नहीं आए हैं. अभी आईपीएस मणिलाल पाटीदार पर 50,000 का ईनाम घोषित है.

दूसरे आईपीएस अफसर अरविंद सेन जेल में हैं. पशुपालन घोटाले में इंदौर के व्यापारी को सीबीसीआईडी के दफ्तर में बुलाकर धमकाने के मामले में अरविंद सेन पर लखनऊ की हजरतगंज कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया गया. यूपीएसटीएफ की जांच में सामने आया कि आटा सप्लाई का ठेका दिलाने के नाम पर व्यापारी मंजीत सिंह से हुई करोड़ों की ठगी में मास्टरमाइंड आशीष राय के अरविंद सेन से नजदीकी रिश्ते थे.

आशीष राय के कहने पर ही अरविंद सेन ने व्यापारी को सीबीसीआईडी में एसपी रहते दफ्तर में बुलाकर धमकाया था. मामले में अरविंद सेन पर ईनाम घोषित हुआ. पुलिस ने संपत्ति कुर्की की कार्रवाई शुरू की, तभी अरविंद सेन ने लखनऊ कोर्ट में सरेंडर कर दिया. हालांकि इस मामले में एक और आईपीएस दिनेश चंद्र दुबे का भी नाम आया. सरकार ने उन्हें भी सस्पेंड कर रखा है.
 
लेकिन पुलिस मुख्यालय से मिली जानकारी के अनुसार मणिलाल पाटीदार और अरविंद सेन को ही विभाग से जबरन रिटायर करने की कवायद की जा रही है.

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