उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आज 48वां जन्मदिन है. 90 के दशक में राममंदिर आंदोलन के दौरान ही योगी आदित्यनाथ की मुलाकात गोरखनाथ मंदिर के महंत अवैद्यनाथ से हुई. इसी के बाद वे घर परिवार छोड़कर संन्यासी बन गए और आज योगी के मुख्यमंत्री काल में अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का काम शुरू हुआ है. 28 साल के राजनीतिक सफर में योगी हिंदुत्व का चेहरा बनकर उभरे हैं और बीजेपी में मोदी-शाह के बाद तीसरे कद्दावर नेता के तौर पर जगह बनाने में कामयाब रहे हैं.
उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल के पंचूर गांव में पांच जून 1972 जन्मे अजय सिंह बिष्ट गोरखनाथ मंदिर के महंत अवैद्यनाथ के सानिध्य में आने के बाद योगी आदित्यनाथ बन गए. 90 के दशक में राममंदिर आंदोलन अपने चरम पर था. महंत अवैद्यनाथ राम मंदिर आंदोलन का एक बड़े चेहरा हुआ करते थे. 1992 में ही विद्यार्थी परिषद के एक कार्यक्रम में महंत अवैद्यनाथ का उत्तराखंड आना हुआ था. योगी ने अपने संबोधन से महंत अवैद्यनाथ को प्रभावित किया.
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महंत अवैद्यनाथ भी उत्तराखंड के थे और उन्होंने योगी को गोरखपुर आने का आमंत्रण दिया था. इसी के कुछ दिनों बाद अपने माता-पिता को बिना बताए योगी गोरखपुर जा पहुंचे. जहां उन्होंने संन्यास धारण करने का निश्चय लेते हुए गुरु दीक्षा ले ली. इसके बाद महंत अवैद्यनाथ ने योगी आदित्यनाथ को गोरक्ष पीठाधीश्वर का अपना उत्तराधिकारी नियुक्त कर दिया.
गोरखनाथ मंदिर के महंत की गद्दी का उत्तराधिकारी बनाने के चार साल बाद ही महंत अवैद्यनाथ ने योगी को अपना राजनीतिक उत्तराधिकारी भी बना दिया. गोरखपुर से महंत अवैद्यनाथ चार बार सांसद रहे, उसी सीट से योगी 1998 में 26 साल उम्र में लोकसभा पहुंचे और पांच बार सांसद चुने गए. इतना ही नहीं योगी राममंदिर के मुद्दे को उठाते रहे. इसीलिए 2017 में यूपी के सीएम बनने के बाद से योगी ने अयोध्या को नया रूप रंग में देने की हर संभव कोशिश की है. हर साल दीपावली पर अयोध्या में भव्य कार्यक्रम कराते हैं.
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राम मंदिर निर्माण के लिए श्री राम जन्मभूमि में विराजमान रामलला को अस्थाई मंदिर में शिफ्ट सीएम योगी ने अपनी गोद में बैठकर कराया था. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि प्रभु श्री राम की नगरी अयोध्या मंदिर निर्माण का आह्वान कर रही है. मुख्यमंत्री योगी ने कहा था कि मंदिर निर्माण के मद्देनजर पहला चरण संपन्न हो गया है. मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्रीराम तिरपाल से नए आसन पर विराजमान हो गए हैं.
राम मंदिर आंदोलन से योगी का तीन पीढ़ियों का रिश्ता है. योगी के गुरु महंत अवैद्यनाथ और उससे पहले दिग्विजय नाथ राम मंदिर आंदोलन के प्रमुख चेहरों में शामिल थे. सुप्रीम कोर्ट से फैसला आने के बाद राम मंदिर निर्माण की जिम्मेदारी भी एक तरह से उन्हीं के कंधों पर आ गई है. हालांकि, राम मंदिर निर्माण का कार्य श्री राम जन्मभूमि ट्रस्ट को कराना है, लेकिन सीएम योगी के कार्यकाल में राममंदिर निर्माण के कार्य को पूरा करने का टारगेट भी रखा गया है.
कुबूल अहमद