MLC चुनाव में 48 साल बाद शर्मा गुट का सफाया, केवल गोरखपुर में मिली जीत

उत्तर प्रदेश शिक्षक और स्नातक की सीटों पर अभी तक शिक्षक संघ के नेता ओमप्रकाश शर्मा गुट का एकछत्र राज कायम था, लेकिन बीजेपी की सधी रणनीति और संगठनात्मक सक्रियता के चलते शर्मा गुट के सूरमा ढेर हो गए हैं. इसके बावजूद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गढ़ गोरखपुर इलाके की शिक्षक सीट पर शर्मा गुट को जीत मिली और पीएम मोदी के गढ़ वाराणसी में शिक्षक और स्नातक दोनों सीटों पर सपा ने जीत का परचम फहराया है. 

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कुबूल अहमद

  • नई दिल्ली ,
  • 04 दिसंबर 2020,
  • अपडेटेड 3:13 PM IST
  • बीजेपी ने 3 शिक्षक MLC सीटों पर जीत दर्ज की
  • वाराणसी की दोनों सीटों पर सपा ने कब्जा जमाया
  • गोरखपुर सीट पर शर्मा गुट के नेता को मिली जीत

उत्तर प्रदेश के विधानसभा परिषद की कुल 11 सीटों में 6 शिक्षक और 5 स्नातक कोटे की सीटों पर चुनाव हुए. शिक्षक और स्नातक की सीटों पर अभी तक शिक्षक संघ के नेता ओमप्रकाश शर्मा गुट का एकछत्र राज कायम था, लेकिन बीजेपी की सधी रणनीति और संगठनात्मक सक्रियता के चलते शर्मा गुट के सूरमा ढेर हो गए हैं. इसके बावजूद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गढ़ गोरखपुर इलाके की शिक्षक सीट पर शर्मा गुट को जीत मिली और पीएम मोदी के गढ़ वाराणसी में सपा ने जीत का परचम फहराया है. 

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यूपी के 11 विधान परिषद सीटों पर 199 उम्मीदवार चुनावी मैदान में उतरे थे. शिक्षक कोटे की छह एमएलसी सीटों में से बीजेपी ने मेरठ, आगरा, बरेली और लखनऊ सीट पर अपने उम्मीदवार उतारे थे. इसके अलावा वाराणसी सीट पर चेतनारायण सिंह को बीजेपी ने समर्थन दिया था जबकि गोरखपुर में पार्टी चुनाव नहीं लड़ी. वहीं, सपा और ओमप्रकाश शर्मा गुट ने सभी शिक्षक कोटे की सभी 6 सीटों  पर अपने प्रत्याशी उतारे थे. 

बीजेपी ने शिक्षक कोटे की चार में तीन सीटों पर जीत दर्ज की है. बरेली सीट पर बीजेपी के हरीसिंह ढिल्लो ने सपा के संजय मिश्रा को मात दी है, लखनऊ सीट पर बीजेपी के उमेश द्विवेदी ने निर्दलीय प्रत्याशी डॉ. महेंद्र नाथ राय को हराया है और मेरठ सीट पर बीजेपी के श्रीचंद शर्मा ने आठ बार से जीत रहे शर्मा गुट के मुखिया ओम प्रकाश शर्मा को करारी मात दी है. वहीं, आगरा सीट पर बीजेपी के प्रत्याशी डॉ. दिनेश कुमार वशिष्ठ को निर्दलीय डॉ. आकाश अग्रवाल ने हराया है. 

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वाराणसी की दोनों सीटों पर सपा का कब्जा 

बीजेपी को सबसे बड़ा झटका पूर्वांचल क्षेत्र में लगा है, जो सीएम योगी आदित्यनाथ का मजबूत गढ़ माना जाता है. वाराणसी सीट पर बीजेपी ने अपना प्रत्याशी उतारने के बजाय चेतनारायण सिंह का समर्थन किया था, जिनके लिए पार्टी नेताओं ने वोट भी मांगे थे. इसके बावजूद तेजनारायण सिंह को सपा के लाल बिहारी यादव ने मात देकर अपना कब्जा जमाया है. ऐसे ही वाराणसी स्नातक सीट से सपा के आशुतोष सिन्हा एमएलसी निर्वाचित हुए. उन्होंने बीजेपी के मौजूदा एमएलसी केदारनाथ सिंह को मात देकर कब्जा जमाया है. 

गोरखपुर में शर्मा गुट को तीसरी बार जीत मिली

वहीं, यूपी में शर्मा गुट भले ही सूबे की सारी सीटें गवां दी हो, लेकिन सीएम योगी आदित्यनाथ के गृहजनपद गोरखपुर सीट पर जीत दर्ज करने में कामयाब रही है. गोरखपुर सीट पर शर्मा गुट के ध्रुव कुमार त्रिपाठी ने अजय सिंह को 1935 वोटों से मात देकर तीसरी बार जीत दर्ज की है. हालांकि, गोरखपुर सीट पर बीजेपी द्वारा उम्मीदवार नहीं दिया गया था. 

स्नातक सीटों पर सपा को बढ़त मिली

स्नातक कोटे की पांच सीटों पर चुनाव हुए हैं. इनमें वाराणसी सीट पर सपा को जीत मिली है. इसके अलावा आगरा सीट पर सपा के असीम यादव, बीजेपी के मानवेंद्र सिंह और निर्दलीय डॉ. हरि किशोर तिवारी के बीच त्रिकोणीय मुकाबला है, जहां फिलहाल निर्दलीय प्रत्याशी आगे हैं. झांसी सीट पर सपा के मानवेन्द्र सिंह आगे चल रहे हैं जबकि बीजेपी के यज्ञदत्त शर्मा पीछे चल रहे. लखनऊ में निर्दलीय कांती सिंह आगे चल रही हैं और बीजेपी के अवनीश राय पीछे हैं. ऐसे ही मेरठ क्षेत्र की स्नातक सीट पर शर्मा गुट के हेम सिंह पुंडीर आगे चल रहे हैं और बीजेपी प्रत्याशी पीछे हैं. 

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बता दें कि मेरठ में शिक्षक और स्नातक क्षेत्र के एमएलसी चुनाव में अब तक ओम प्रकाश शर्मा गुट पूरी तरह हावी रहा है. शिक्षक सीट पर ओम प्रकाश शर्मा पिछले 48 साल अर्थात आठ बार से लगातार एमएलसी निर्वाचित होते आ रहे हैं तो स्नातक सीट से भी उनके ही गुट के हेम सिंह पुंडीर लगातार चार बार से एमएलसी चुने जाते रहे हैं. इस बार बीजेपी ने शर्मा गुट का वर्चस्व तोड़ने की रणनीति बनाई है. बीजेपी ने अभि‍यान चलाकर नए वोटर बनाए हैं, जिसके दम पर शर्मा गुट को मात देने में सफल रही है. 
 

 

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