उन्नाव रेप केस: SC ने कहा- 7 दिन में पूरी करो एक्सीडेंट की जांच

चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने इस मामले में सख्त रुख अपनाते हुए सभी केस को लखनऊ से दिल्ली ट्रांसफर कर दिया है. इसके अलावा अदालत ने आदेश दिया है कि पीड़िता के एक्सीडेंट की जांच सीबीआई एक हफ्ते में पूरी करे.

Advertisement
सुप्रीम कोर्ट ने अपनाया सख्त रुख (फोटो: IANS) सुप्रीम कोर्ट ने अपनाया सख्त रुख (फोटो: IANS)

संजय शर्मा

  • नई दिल्ली,
  • 01 अगस्त 2019,
  • अपडेटेड 2:44 PM IST

उन्नाव रेप और पीड़िता के साथ एक्सीडेंट के मामले में सुप्रीम कोर्ट में आज दो बार सुनवाई हुई. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने इस मामले में सख्त रुख अपनाते हुए सभी केस को लखनऊ से दिल्ली ट्रांसफर कर दिया है. इसके अलावा अदालत ने आदेश दिया है कि पीड़िता के एक्सीडेंट की जांच सीबीआई एक हफ्ते में पूरी करे.

आपको बता दें कि आज इस मामले की सुनवाई अदालत में दो बार हुई. सुबह जब सुनवाई शुरू हुई तो अदालत ने सीबीआई अफसर को पेश होने को कहा, साथ ही पूरी स्टेटस रिपोर्ट देने को कहा. जिसके बाद सीबीआई अफसर के सामने अदालत ने एक्सीडेंट की जांच को 7 दिन के अंदर पूरा करने का आदेश दिया.

Advertisement

उन्नाव मामले की पूरी कवरेज यहां क्लिक कर पढ़ें...

चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने साथ ही आदेश दिया कि लखनऊ में इस मामले से जुड़े जितने भी केस चल रहे हैं, उन्हें दिल्ली की अदालत में शिफ्ट किया जाएगा. इतना ही नहीं अदालत ने पीड़िता की चिट्ठी का समय पर ना मिलने पर सख्ती दिखाई, अदालत ने सॉलिसिटर जनरल से पूछा कि PIL के सेक्शन में पीड़िता की चिट्ठी क्यों नहीं आई.

जिसपर सॉलिसिटर जनरल ने जवाब दिया कि हर महीने रजिस्ट्रार के पास 6000 से अधिक चिट्ठी आती हैं, इस महीने 6800 चिट्ठियां आई थीं.

सुनवाई के दौरान एमीकस क्यूरी ने कहा कि पीड़िता को मुआवजा भी देना चाहिए. जिसपर जस्टिस दीपक गुप्ता ने कहा कि वह उत्तर प्रदेश सरकार को इसका आदेश देंगे. हालांकि, सॉलिसिटर जनरल ने सलाह दी कि इस मामले में अदालत को ही मुआवजा देना चाहिए, ऐसा संविधान कहता है.

Advertisement

जिसपर चीफ जस्टिस ने कहा कि क्या आपको लगता है कि इस देश में संविधान से काम हो रहा है? देश में क्या हो रहा है? अभी इस मामले में एक बार फिर गुरुवार को ही सुनवाई होगी, जिसमें पीड़िता के हालात की जानकारी अदालत को दी जाएगी.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement