बकरीद पर शिया धर्मगुरु सैफ अब्बास की अपील- घर में ही पढ़ें नमाज, वहीं कुर्बानी करें

शिया धर्मगुरु ने अपनी अपील में कहा है कि जिन जानवरों की कुर्बानी होती है उनकी ही कुर्बानी की जाए और जिस जानवर पर पाबंदी है हुकूमत की तरफ से, उसकी कुर्बानी बिल्कुल न की जाए. इसके अलावा सड़क और गली में भी कुर्बानी न हो. कुर्बानी करने के बाद जो अवशेष और गंदगी बचती है उसे बाहर न फेंका जाए.

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शिया धर्मगुरु मौलाना सैफ अब्बास ने बकरीद को लेकर की अपील शिया धर्मगुरु मौलाना सैफ अब्बास ने बकरीद को लेकर की अपील

सत्यम मिश्रा

  • लखनऊ,
  • 27 जुलाई 2020,
  • अपडेटेड 8:28 AM IST

  • शिया धर्मगुरु बोले- सरकार की गाइडलाइन पर अमल जरूरी
  • शिया धर्मगुरु ने कहा- कोरोना से खुद को महफूज रखना है

शिया धर्मगुरु मौलाना सैफ अब्बास ने 1 अगस्त को मनाई जाने वाली बकरीद पर सभी से अपील की है कि वह घरों में रहकर ही नमाज अदा करें और बाहर न निकलें. शिया धर्मगुरू ने यह अपील इसलिए की है क्योंकि कोरोना वायरस पूरे देश और दुनिया में फैला हुआ है और सरकार द्वारा जो गाइडलाइन जारी की गयी है उस पर अमल करना जरूरी है. शिया धर्मगुरु के मुताबिक बकरीद की नमाज हम घर पर अकेले भी पढ़ सकते हैं और घर पर चार लोगों के साथ भी नमाज पढ़ी जा सकती है.

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वहीं कुर्बानी पर बोलते हुए मौलाना सैफ अब्बास ने कहा कि कुर्बानी वाजिब उस वक्त होती है जब हम हज करने जाते हैं. अगर हम हिंदुस्तान में हैं और हमारे ऊपर ताकीद की गई है, तब हम कुर्बानी कर सकते हैं. यह हमारे इख्तियार में है, इसीलिए हम कुर्बानी बिल्कुल कर सकते हैं. लेकिन जिस तरीके से हमारे मुल्क के अंदर और सूबे के अंदर कोरोना बढ़ रहा है, यह चिंता का विषय है.

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शिया धर्मगुरु मौलाना सैफ अब्बास ने लोगों से अपील है कि कुर्बानी सुन्नते मुअक़्क़द है. अगर आपके घर में बकरा है या हमें कहीं जानवर मिल जाए तो उसकी कुर्बानी घर में कर सकते हैं. जहां तक बाजार में कुर्बानी करने की बात है तो जो गाइडलाइन आयी हैं हमें उसे फॉलो करना चाहिए और उस पर अमल करना चाहिए और जिस की परमिशन नहीं है वहां कार्य नहीं करना चाहिए.

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शिया धर्मगुरु ने कहा कि कुर्बानी के समय यह ध्यान दिया जाए कि जब बकरा कट रहा होता है तो उसका वीडियो बनाकर वायरल न किया जाए. और जिन जानवरों की कुर्बानी होती है उनकी ही कुर्बानी की जाए और जिस जानवर पर पाबंदी है हुकूमत की तरफ से, उसकी कुर्बानी बिल्कुल न की जाए. सड़क और गली में भी कुर्बानी न हो. कुर्बानी करने के बाद जो अवशेष और गंदगी बचती है उसे बाहर न फेंका जाए.

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कुर्बानी को लेकर शिया धर्मगुरु ने आगे कहा कि जिस तरीके से पहले हमारे पूर्वज गड्ढा खोदते थे और वहीं कुर्बानी करते थे ताकि जो गंदगी है, खून है और अवशेष है उसे गड्ढे में दफन कर दिया जाए. हमें भी इसी तरीके से कुर्बानी करनी चाहिए. अगर हम गंदगी दूसरों के घर में फैलाएंगे, तो वह भी हमारे घर में गंदगी फैलाएंगे, जरा सी भी लापरवाही बड़ी परेशानी को खड़ा कर सकती है. कोरोना वायरस में हमें खुद को भी महफूज रखना है और दूसरों को भी.

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