लॉकडउन में 40 दिन बाद जब सोमवार को शराब की दुकानें खुलीं तो सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ गईं. हालत ऐसे थे कि शराब की दुकानों पर सब्जी मंडी से भी ज्यादा भीड़ नजर आई. शहर में हर जगह शराब की दुकानों के बाहर सुबह से ही लंबी-लंबी लाइनें लगी हुई थीं. ठेके खुलने के तीसरे दिन भी लोगों में ज्यादा से ज्यादा शराब और बीयर खरीदने की होड़ मची नजर आई.
शराब पीने के लिए बेची राहत साम्रगी
इस दौरान लॉकडाउन का पालन कराने वाली पुलिस शराब की दुकानों के बाहर लोगों की भीड़ संभालती रही. उत्तर प्रदेश के जनपद मुजफ्फरनगर की बात करें तो कई जगह पर नशे में धुत लोगों ने जगह-जगह हंगामा किया. शराब पीने के बाद लोग नशे की हालात में सड़क पर गिरते-पड़ते नजर आए.
इन सब में एक शराब प्रेमी ऐसा भी था जिसने सरकार द्वारा लॉकडाउन में दी गई राहत सामग्री ही बेच डाला और शराब लेने के लिए कतार में लग गया. दो घंटे लाइन में लगने के बाद जब शराब मिलने पर जब इस लक्ष्मण दास से पूछा गया कि पैसे कहां से लाए हो. तो उसने बेखौफ होकर कहा कि चावल बेचकर शराब के लिए पैसे इकट्ठा किये हैं.
घरेलू हिंसा की शिकायतें बढ़ीं
आपको बता दें, जनपद मुजफ्फरनगर में 4 मई को घरेलू हिंसा के डॉयल 112 पर 7 शिकायतें आईं थी. लेकिन 5 मई यानी मंगलवार को जिस दिन मुजफ्फरनगर में शराब की दुकाने खुली थीं. तो डॉयल 112 पर 13 घरेलू हिंसा की शिकायते आई थीं. यानी की यहां पर भी शराब के साइड इफेक्ट देखने को मिल रहे हैं.
संदीप सैनी