KGMU में कोरोना से ठीक हुआ एड्स पीड़ित, VC बोले- हारेगा कोरोना, जीतेगा भारत

युवक उस समय कुल तीन गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहा था. लेकिन फिर भी केजीएमयू के डॉक्टर ने हिम्मत दिखाते हुए इलाज करने की ठानी और इलाज सफल रहा. केजीएमयू के डॉक्टरों ने मात्र 6 दिनों में युवक को कोरोना से ठीक कर दिया और युवक को डिस्चार्ज कर दिया.

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केजीएमयू ने कोरोना को हराने में हासिल की एक और सफलता केजीएमयू ने कोरोना को हराने में हासिल की एक और सफलता

कुमार अभिषेक / सत्यम मिश्रा

  • लखनऊ,
  • 26 मई 2020,
  • अपडेटेड 4:16 AM IST

  • दिल्ली से गोंडा जा रहा था 34 साल का वह युवक
  • पहले से ही एचआईवी वायरस से पीड़ित था युवक

कोरोना वायरस का संक्रमण दिन-ब-दिन बढ़ता ही जा रहा है. इसकी वजह से अभी तक कई लोगों की जान जा चुकी है क्योंकि ज्यादातर लोग पहले से ही तमाम बीमारियों से ग्रसित थे. जिस वजह से उनका इम्यून सिस्टम कमजोर हो चुका था. इसी कारण वे सभी कोरोना से जंग हार गए. लेकिन इस बीच लखनऊ के केजीएमयू अस्पताल के डॉक्टरों ने एड्स जैसी खतरनाक बीमारी से जूझ रहे कोरोना संक्रमित मरीज को ठीक कर दिखाया है.

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जानकारी के मुताबिक 34 वर्षीय एक युवक लॉकडाउन के दौरान दिल्ली में फंस गया था. जिसके बाद वह सड़क के रास्ते दिल्ली से गोंडा अपने घर जा रहा था. रास्ते में ही उसका एक्सीडेंट हो गया और उसके सिर में गहरी चोट लग गई. युवक को गंभीर अवस्था में लखनऊ के केजीएमयू अस्पताल लाया गया था. जहां युवक का कोविड टेस्ट भी किया गया था. टेस्ट में युवक की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव पाई गई थी. इलाज के दौरान डॉक्टरों को यह भी पता चला कि युवक एचआईवी और एड्स से भी संक्रमित है.

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ऐसी स्थिति में डॉक्टरों के लिए इलाज करना एक चैलेंज बन गया था. क्योंकि ऐसी हालात में मरीज का इम्यून सिस्टम काफी कमजोर हो जाता है. इसके अलावा युवक कोरोना संक्रमित भी था और उसे हेड इंजरी भी थी. युवक उस समय कुल तीन गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहा था. लेकिन फिर भी केजीएमयू के डॉक्टर ने हिम्मत दिखाते हुए इलाज करने की ठानी और इलाज सफल रहा. केजीएमयू के डॉक्टरों ने मात्र 6 दिनों में युवक को कोरोना से ठीक कर दिया और युवक को डिस्चार्ज कर दिया.

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इस बारे में किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के कुलपति एमएलबी भट्ट बताते हैं कि युवक का जब इलाज होना था तब युवक पहले से ही एचआईवी वायरस से जूझ रहा था, उसका एड्स का इलाज चल रहा था और हेड में भी इंजरी थी. हेड में इंजरी होने के कारण युवक अबनॉर्मल बिहेव करता था और भागने का प्रयास करता रहता था. युवक को अपने ऊपर कंट्रोल नहीं था. एड्स जैसी बीमारी में मरीज का इम्यून सिस्टम भी कमजोर हो जाता है. लेकिन हमारे डॉक्टरों के प्रयास से तीन समस्याओं से जूझ रहे मरीज को ठीक किया गया जोकि गर्वित होने का विषय है.

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केजीएमयू के वीसी भट्ट ने आगे कहा, "इससे समाज में एक संदेश भी गया है कि ऐसे भी मरीज जो इन बीमारियों से ग्रसित हैं वह भी कोरोना वायरस से ठीक हो सकते हैं. अब इस सफल इलाज के बाद, यह कहना गलत नहीं होगा कि हारेगा कोरोना और जीतेगा भारत."

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