तीन जून को यूपी के कानपुर में जुमे की नमाज के बाद हुई हिंसा में मुख्य आरोपी माने जाने वाले जफर हयात की मुसीबत बढ़ने वाली है. कानपुर पुलिस ने कोर्ट से उसकी पांच दिन की कस्टडी मांगी है. उसके अलावा सपा नेता निजाम कुरेशी से भी सवाल जवाब होने हैं.
कहा जा रहा है कि जफर हयात ने पुलिस पूछताछ के दौरान कुछ ऐसे खुलासे किए हैं कि उन पर और ज्यादा जांच करने की जरूरत है. इसी वजह से कोर्ट से उसकी पांच दिन की कस्टडी और मांगी गई है. जफर हयात की भूमिका की बात करें तो PFI से उसके मजबूत कनेक्शन सामने आए हैं. इसी कड़ी में कानपुर की बेकनगंज पुलिस ने मोहम्मद उमर, सैफुल्लाह और मोहम्मद नसीम को गिरफ्तार किया गया है.
वहीं तीन जून की हिंसा के बाद जफर हयात को पुलिस ने लखनऊ के हजरतगंज से गिरफ्तार किया था. वो जावेद अहमद के लखनऊ वाले ऑफिस में छिपा हुआ था. उसके साथ वहां पर जावेद अहमद खान, मोहम्मद राहिल और मो. सूफियान भी मौजूद थे. पुलिस ने सभी को मौके से गिरफ्तार किया और अभी भी उनसे पूछताछ का सिलसिला जारी है.
पुलिस के मुताबिक, इस मामले में अब तक 50 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है. वहीं, पोस्टर में शामिल 6 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. गिरफ्तार आरोपियों में से कुछ नाबालिग भी हैं. पुलिस सीसीटीवी के आधार पर उनकी भूमिका की जांच कर रही है. इसके बाद उचित कार्रवाई की जाएगी. पुलिस का कहना है कि कुछ लोगों ने खुद आकर भी सस्पेंड किया है.
कानपुर हिंसा की बात करें तो जुमे की नमाज के बाद तीन जून को भारी हिंसा देखने को मिली थी. कुछ संगठनों ने उस दिन बंद का ऐलान किया था. इसी वजह से नमाज के बाद प्रदर्शन शुरू हुआ जो देखते ही देखते हिंसक हो गया. स्थिति इतनी बिगड़ी की प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव किया.
कुछ दिन पहले यूपी के प्रयागराज में भी ऐसी ही स्थिति देखने को मिल गई जब जुमे की नमाज के बाद फिर प्रदर्शनकारियों ने सड़क पर बवाल काटा और जमकर पत्थरबाजी हुई. उस मामले में आरोपियों के घर पर बुलडोजर भी चलते दिख गए.
सिमर चावला