यूपी पावर ऑफिसर्स एसोसिएशन ने निजीकरण को बताया तय, किया हड़ताल का ऐलान

एसोसिएशन ने इस पर गहरा रोष व्यक्त करते हुए कहा है कि अब आंदोलन के अलावा कोई और रास्ता नहीं बचा है. एसोसिएशन ने कहा है कि जनता को यदि किसी परेशानी का सामना करना पड़ता है तो इसके लिए पावर कार्पोरेशन का शीर्ष प्रबंधन और यूपी सरकार जिम्मेदार होगी.

Advertisement
निजीकरण के खिलाफ प्रयागराज में प्रदर्शन करते बिजली विभाग के कर्मचारी (फोटोः पीटीआई) निजीकरण के खिलाफ प्रयागराज में प्रदर्शन करते बिजली विभाग के कर्मचारी (फोटोः पीटीआई)

शिवेंद्र श्रीवास्तव

  • लखनऊ,
  • 06 अक्टूबर 2020,
  • अपडेटेड 5:31 PM IST
  • एसोसिएशन ने प्रमुख सचिव ऊर्जा को लिखा पत्र
  • कहा- सुधार के सुझाव पर चुप्पी साजिश का संकेत
  • जनता को होगी परेशानी तो यूपीपीसीएल जिम्मेदार

विद्युत वितरण निगमों के निजीकरण के खिलाफ बिजली कर्मचारी हड़ताल पर हैं. विद्युत कर्मचारी संगठन संयुक्त संघर्ष समिति के बाद अब यूपी पावर ऑफिसर्स एसोसिएशन ने भी कार्य बहिष्कार का ऐलान कर दिया है. पावर ऑफिसर्स एसोसिएशन ने प्रमुख सचिव ऊर्जा और उत्तर प्रदेश पावर कार्पोरेशन लिमिटेड (यूपीपीसीएल) के चेयरमैन अरविंद कुमार को पत्र भी लिखा है.

एसोसिएशन की ओर से प्रमुख सचिव ऊर्जा को लिखे गए इस पत्र में दिए गए सुधार के सुझाव पर प्रबंधन की चुप्पी के पीछे गहरी साजिश का आरोप लगाया है. निजीकरण को पहले से ही तय बताते हुए एसोसिएशन ने कहा है कि जब 5 अक्टूबर की रात ऊर्जा मंत्री की अध्यक्षता में हुई कर्मचारी संगठन और प्रबंधन के बीच हुई बैठक में सहमति बन गई थी. तब पावर कार्पोरेशन प्रबंधन का अपनी बात से मुकरना और समझौते पर हस्ताक्षर से इनकार करना साजिश की ओर इशारा करता है.

Advertisement

एसोसिएशन ने इस पर गहरा रोष व्यक्त करते हुए कहा है कि अब आंदोलन के अलावा कोई और रास्ता नहीं बचा है. एसोसिएशन ने यह भी कहा है कि जनता को यदि किसी परेशानी का सामना करना पड़ता है तो इसके लिए पावर कार्पोरेशन का शीर्ष प्रबंधन और यूपी सरकार जिम्मेदार होगी. एसोसिएशन के सभी सदस्यों ने शाम 4 बजे से कार्य बहिष्कार कर दिया है.

गौरतलब है कि संघर्ष समिति के बैनर तले बिजली विभाग के कर्मचारी 5 अक्टूबर से ही हड़ताल पर हैं. इस हड़ताल के कारण वाराणसी, प्रयागराज, मिर्जापुर, चंदौली, गाजीपुर, मऊ, देवरिया, बाराबंकी जिलों के कई इलाकों में बिजली आपूर्ति प्रभावित हुई है. कई इलाकों में पेयजल का भी संकट उत्पन्न हो गया है.

कुछ स्थानों पर बिजली की आपूर्ति जारी है, वहीं कई इलाकों में हड़ताल पर जाने से पहले कर्माचारियों ने बिजली आपूर्ति ठप कर दी और उपकेंद्र पर ताला जड़ दिया. कर्मचारियों ने दीवार पर लिखे अधिकारी-कर्मचारी के नाम और नंबर तक मिटा दिए हैं, जिससे कोई उनसे संपर्क न कर पाए. 

Advertisement

बिजली कर्मचारियों और पावर कार्पोरेशन के बड़े अधिकारियों के बीच 5 अक्टूबर को वार्ता भी हुई. ऊर्जा मंत्री की अध्यक्षता में हुई वार्ता के दौरान कर्मचारियों की मांगों को लेकर पावर कार्पोरेशन प्रबंधन और कर्मचारी संगठन के बीच करीब-करीब सहमति बन गई थी, लेकिन ऐन वक्त पर पावर कार्पोरेशन के आला अधिकारियों ने इस समझौते पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया था.

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement