वाराणसी के डिप्टी CMO की जगह दे दिया दूसरे का शव, कोरोना से हुई थी मौत

बाद में सीएमओ कार्यालय ने भी इस विषय पर सफाई दी. सीएमओ कार्यालय ने अपनी गलती मानी. वाराणसी के डिप्टी सीएमओ डॉक्टर जंग बहादुर का उपचार के दौरान निधन हो गया था.

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प्रतीकात्मक तस्वीर प्रतीकात्मक तस्वीर

रोशन जायसवाल

  • वाराणसी,
  • 12 अगस्त 2020,
  • अपडेटेड 6:17 PM IST

  • हरिश्चंद्र घाट पर अंत्येष्टि के समय पहुंचे परिजन
  • सीएमओ कार्यालय ने स्वीकार की गलती, दी सफाई

कोहराम मचा रहे कोरोना वायरस से संक्रमित होने वालों के साथ ही मरने वालों की तादाद भी हर दिन बढ़ रही है. मृतकों के शरीर बॉडी बैग में पैक कर दिए जा रहे हैं, ऐसे में अस्पतालों की लापरवाही भी सामने आ रही है. ऐसी ही एक लापरवाही सामने आई है उत्तर प्रदेश के वाराणसी में, जहां जिले के डिप्टी चीफ मेडिकल अधिकारी (डिप्टी सीएमओ) की जगह अस्पताल प्रशासन ने किसी और का शव दे दिया. बाद में अस्पताल से डिप्टी सीएमओ का शव हरिश्चंद्र घाट भेजा गया, तब जाकर डिप्टी सीएमओ की अंत्येष्टि हो सकी.

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जानकारी के मुताबिक वाराणसी के डिप्टी सीएमओ डॉक्टर जंग बहादुर की कोरोना टेस्ट रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद उन्हें उपचार के लिए बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (बीएचयू) के सर सुंदरलाल चिकित्सालय में भर्ती कराया गया था. अस्पताल के आईसीयू में भर्ती डिप्टी सीएमओ का उपचार के दौरान मंगलवार की देर रात निधन हो गया था. बीएचयू के मोर्चरी स्टाफ की ओर से बुधवार को डिप्टी सीएमओ डॉक्टर जंग बहादुर के डेथ सर्टिफिकेट के साथ रैपर पैक्ड डेड बॉडी अंत्येष्टि के लिए कोरोना प्रोटोकॉल के तहत श्मशान घाट पहुंचाई गई थी.

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कोरोना प्रोटोकॉल के मुताबिक अंत्येष्टि की प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी थी. डेड बॉडी को विद्युत शवदाह गृह में भेज भी दिया गया था कि गाजीपुर निवासी केशव चंद्र श्रीवास्तव के परिजन हरिश्चंद्र घाट पर पहुंच गए. श्रीवास्तव के परिजनों ने डेड बॉडी उनकी होने की जानकारी दी. इससे स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मच गया. बीएचयू प्रशासन की ओर से इस बात की पुष्टि की गई कि डॉक्टर जंग बहादुर की डेड बॉडी अभी मोर्चरी में ही है. इसके बाद डिप्टी सीएमओ के परिजन बीएचयू पहुंचे और डॉक्टर जंग बहादुर का शव लाकर हरिश्चंद्र घाट पर अंत्येष्टि की.

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श्रीवास्तव परिवार ने भी बगैर किसी विरोध के आगे के रिवाज पूरे किए. बाद में सीएमओ कार्यालय ने भी इस विषय पर सफाई दी. सीएमओ कार्यालय ने अपनी गलती मानी. बता दें कि वाराणसी में बतौर डिप्टी सीएमओ तैनात रहे डॉक्टर जंग बहादुर को कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद उपचार के लिए बीएचयू के सर सुंदरलाल अस्पताल में भर्ती कराया गया था.

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