बारामूला हमले में शहीद नितिन यादव के अंतिम संस्कार में उमड़ी भीड़, पिता बोले- शहादत पर गर्व

शहीद नितिन यादव का शव जब इटावा के उसके नंगलाबरी गांव पंहुचा तो हर शख्स रो पड़ा. मां के आंसू थम नहीं रहे थे, पिता के लिए अपने छोटे बेटे नितिन का मुंह देखना मुश्किल था लेकिन गांव के लोगों का सीना चौड़ा था क्योंकि नितिन ने अपनी शहादत देकर उरी हमले को दोहराने से बचाया था.

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रविवार को बारामूला कैंप पर हुए हमले में शहीद हुआ था नितिन कुमार रविवार को बारामूला कैंप पर हुए हमले में शहीद हुआ था नितिन कुमार

प्रियंका झा / कुमार अभिषेक

  • इटावा,
  • 04 अक्टूबर 2016,
  • अपडेटेड 8:03 PM IST

सर्जिकल स्ट्राइक के बाद बारामूला के सैनिक कैंप पर हुए आतंकी हमले में शहीद नितिन यादव का उनके गांव नंगलाबरी में मंगलवार को अंतिम संस्कार किया गया. शव को देख पिता ने बेटे की शहादत पर गर्व जताया तो वहीं नितिन के भाई ने कहा कि वे भी सीमा पर जाएंगे.

शहीद नितिन यादव का शव जब इटावा के उसके नंगलाबरी गांव पंहुचा तो हर शख्स रो पड़ा. मां के आंसू थम नहीं रहे थे, पिता के लिए अपने छोटे बेटे नितिन का मुंह देखना मुश्किल था लेकिन गांव के लोगों का सीना चौड़ा था क्योंकि नितिन ने अपनी शहादत देकर उरी हमले को दोहराने से बचाया था. शहीद नितिन के अंतिम दर्शन करने भारी संख्या में लोग मौजूद थे.

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24 साल का नितिन यादव अपने दोनों भाइयों में छोटा था और दो दिन पहले ही उसने अपनी मां से बात कर दिवाली में आने की बात कही थी, लेकिन नितिन तो नहीं आया उसका पार्थिव शरीर आया.

बीएसएफ ने परिवार को बताया कि नितिन की बहादुरी की वजह से बारामूला कैंप में आतंकी बड़ी घटना करने में कामयाब नहीं हो पाए, एक बड़ा आतंकी हमला टल गया.

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