रियल स्टेट कंपनी अंसल एपीआई के वाइस चेयरमैन प्रणव अंसल को लखनऊ पुलिस ने रविवार को गिरफ्तार कर लिया. इससे पहले उन्हें रविवार सुबह ही इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर हिरासत में लिया गया था. उनके खिलाफ पहले से लुकआउट सर्कुलर जारी है. प्रणव अंसल को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया.
'इंडिया टुडे' से बात करते हुए लखनऊ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) कलानिधि नैथानी ने कहा, 'लखनऊ में प्रणव के खिलाफ 24 मामले दर्ज हैं. विभूती खंड पुलिस थाने में उनके खिलाफ धारा 406, 420, 467, 468, और 471 के तहत एक केस दर्ज किया गया था. इसी मामले में लुकआउट सर्कुलर भी जारी किया गया था.'
एसएसपी नैथानी ने कहा, 'हमें दिल्ली एयरपोर्ट से सूचना मिली कि लंदन जाने के दौरान प्रणव अंसल को हिरासत में लिया गया है. सूचना मिलते ही जांच अधिकारी और एसएचओ को दिल्ली रवाना कर दिया गया. उन्हें हिरासत में लिया गया और बाद में लखनऊ लाया गया.'
एसएसपी कलानिधि नैथानी ने 'इंडिया टुडे' से कहा, 'जांच अधिकारी ने उनके बयान दर्ज किए, उसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. मजिस्ट्रेट के समक्ष हाजिर करने के बाद उन्हें जेल भेज दिया जाएगा. उन्हें लुकआउट सर्कुलर के बारे में पता नहीं था. उनके पिता भी इस केस में वांछित हैं. पहले इसी मामले में अरुण मिश्रा और हरीश नाम के दो व्यक्तियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है.'
एसएसपी ने आगे कहा कि यह कई मामलों में देखा गया है कि लोगों को या तो समय पर संपत्ति का मालिकाना हक नहीं मिलता या नियमों और शर्तों का उल्लंघन होता है. ऐसी शिकायतों पर भूमि और संपत्ति धोखाधड़ी के मामले दर्ज किए जाते हैं.
अंसल ने जारी किया बयान
कंपनी ने अपने बयान में कहा कि अंसल एपीआई कंपनी के खिलाफ दर्ज तीन एफआईआर के आधार पर लुकआउट सर्कुलर जारी किया गया था. इन तीन एफआईआर में एक केस हाईकोर्ट की ओर से निरस्त कर दिया गया था, जबकि दो मामले शिकायतकर्ता के साथ सुलझा लिए गए थे. सेटलमेंट एग्रीमेंट को रजिस्टर किया जा चुका है और संबंधित कोर्ट और पुलिस अथॉरिटी में इसे जमा करा दिया गया है. हैरानी की बात है कि कंपनी की ओर से इतना कुछ किए जाने के बावजूद लुकआउट सर्कुलर अभी तक बना हुआ है. प्रणव अंसल के देश छोड़ कर भागने की रिपोर्ट गलत है. उन्हें शुक्रवार को वापस लौटना था. अंसल एक जिम्मेदार व्यक्ति हैं और अथॉरिटी के साथ पूरा सहयोग करने के लिए तैयार हैं. बाकी बचे मामले निपटाने के लिए कस्टमर्स के साथ कोशिशें जारी हैं.
कुमार अभिषेक / नीलांशु शुक्ला