सुप्रीम कोर्ट ने एक बड़े फैसले में राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों से किसी भी मामले में FIR दर्ज होने के 24 घंटों के भीतर अपनी बेवसाइट पर एफआईआर अपलोड करने का निर्देश दिया है. दुर्गम इलाकों के लिए यह समयावधि 72 घंटे की होगी. इस बारे में यूथ बॉर एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने याचिका दाखिल की थी.
कुछ राज्यों में 72 घंटे की समयसीमा
जिन राज्य में इंटरनेट की दिक्कत है वहां ये सीमा 72 घंटे की होगी. सिक्किम, मिज़ोरम और मेघालय जैसे सुदूर प्रान्तों में जहां इस तरह की दिक्कत है वहां के लिए ये छूट दी गई है.
देश भर में फैसला होगा लागू
गौरतलब है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 2015 में आदेश दिया था कि उत्तर प्रदेश पुलिस अपनी वेबसाइट पर FIR की कॉपी डाले. इसी तरह दिल्ली हाई कोर्ट ने 2010 में ऐसा आदेश दिया था. अब सुप्रीम कोर्ट ने इसका दायरा बढाते हुए पूरे देश में इसे लागू करने का निर्देश दे दिया है.
कुछ मामलों में छूट
हालांकि, कुछ मामलों में अदालत ने एफआईआर की कॉपी अपलोड करने में छूट भी दी है. महिलाओं और बच्चों से जुड़े अपराधों और बेहद संगीन अपराध जैसे अपहरण वगैरह की एफआईआर की कॉपी वेबसाइट पर नहीं डाली जाएगी. जिन राज्यों में पुलिस की वेबसाइट नहीं है वहां राज्य सरकार की वेबसाइट पर FIR की कॉपी डाली जाएगी.
सबा नाज़ / अहमद अजीम