Zoom ऐप बैन करने को लेकर याचिका, सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को जारी किया नोटिस

लॉकडाउन के चलते देशभर में ऑनलाइन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग ऐप की मांग बढ़ी है. जूम ऐप को प्राइवेसी के लिए खतरा बताते हुए प्रतिबंध लगाने की मांग चल रही है. सुप्रीम कोर्ट में दायर एक याचिका पर सुनवाई के दौरान अदालत ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है.

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जूम ऐप पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई (फाइल फोटो) जूम ऐप पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई (फाइल फोटो)

संजय शर्मा

  • नई दिल्ली,
  • 22 मई 2020,
  • अपडेटेड 2:37 PM IST

  • जूम ऐप पर प्राइवेसी को लेकर उठते रहे हैं सवाल
  • याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को दिया नोटिस
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग ऐप Zoom पर प्रतिबंध की मांग करने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है. कोर्ट में दायर याचिका में जूम ऐप को प्राइवेसी के लिए खतरा बताया गया है. मामले की सुनवाई मुख्य न्यायधीश के साथ-साथ जस्टिस एएस बोपन्ना, ऋषिकेश रॉय की पीठ ने की. याचिका में मांग की गई है कि कानून पारित होने तक आधिकारिक और व्यक्तिगत उद्देश्यों के लिए जूम ऐप पर प्रतिबंध लगाया जाए.

याचिका में कहा गया है कि जूम ऐप के जरिए लोगों का डेटा लीक होने और साइबर अपराधों में इस्तेमाल होने का खतरा बना रहता है. याचिका में मांग की गई है कि सुप्रीम कोर्ट सरकार से ऐसे मामलों की जांच के लिए कहे. याचिका में ऐप पर बैन लगाने की भी मांग की गई है. याचिका में यह भी कहा गया है कि भारत में अब तक डेटा प्राइवेसी से संबंधित कोई कानून नहीं है.

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लॉकडाउन के चलते दफ्तरों से लेकर स्कूल-कॉलेज भी बंद हैं. ऐसे में ऑनलाइन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग का चलन बढ़ा है. लोग ग्रुप कॉल के लिए जूम ऐप का इस्तेमाल बड़ी संख्या में कर रहे हैं. ऐसे में अगर डेटा लीक का खतरा बनता है तो बहुत से लोगों का डेटा चोरी हो सकता है. याचिका में इस ऐप पर रोक लगाने की मांग की गई है.

जूम ऐप के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका, बैन करने की मांग

जूम ऐप पर एक साथ जुड़ सकते हैं 100 लोग

जूम ऐप दूसरे मोबाइल ऐप की तुलना में ज्यादा संख्या में लोगों को एक साथ कनेक्ट करता है. जूम ऐप के साथ करीब 100 लोग जुड़ सकते हैं. जब जूम ऐप के यूजर बढ़े तो लोग प्राइवेसी को लेकर भी चिंतित होने लगे. यूजर्स के प्राइवेसी को लेकर सवाल खड़े किए जाने लगे.

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ब्लीडिंग कंप्यूटर की एक रिपोर्ट के मुताबिक 5 लाख से ज्यादा जूम अकाउंट का सौदा डार्क वेब के साथ किया जा रहा है. यूजर्स का यूजरनेम, पासवर्ड और फीड की गई जानकारियों को ट्रांसफर कर दिया जा रहा है. इसके बाद ही लगातार डेटा सुरक्षा को लेकर जूम ऐप सवालों के घेरे में आ गया. सुप्रीम कोर्ट में अब केंद्र सरकार को अपना पक्ष रखना होगा.

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