सबरीमाला के नैष्ठिक ब्रह्मचारी देवता अय्यप्पा स्वामी के मन्दिर में सभी उम्र, सभी धर्म को मानने वाली महिलाओं के सुरक्षित प्रवेश की मांग को लेकर दाखिल याचिका पर सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार को सुनवाई करेगा.
चीफ जस्टिस एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ मामले की सुनवाई करेगी. तीन सदस्यीय पीठ के अन्य सदस्य जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस सूर्य कांत हैं.
केरल की रहने वाली फातिमा ने यह याचिका दाखिल की है. फातिमा ने मांग की है कि सबरीमाला मंदिर में प्रवेश के लिए उन्हें सुरक्षा मुहैया कराई जाए. ये भी मांग की कि किसी भी तरह के शारीरिक हमले से उन्हें सुरक्षित रखा जाए.
केरल सरकार को आदेश दिया जाए कि उन्हें और अन्य महिलाओं को जो धमकियां मिली है उसको लेकर जल्द से जल्द मुकदमा दर्ज की जाए. जिन लोगों ने धमकियां दी है उनके खिलाफ जांच की जाए और कानून के मुताबिक कार्रवाई की जाए.
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा 14 नवंबर को सबरीमाला मंदिर और अन्य धार्मिक स्थानों पर महिलाओं के प्रवेश के मुद्दे को सात सदस्यीय पीठ के पास भेजने के आदेश पर केरल में कई लोगों ने खुशी जताई थी हालांकि 28 सितंबर, 2018 को दिए गए निर्णय पर रोक नहीं लगने से निराशा जरूर मिली है, जिसमें 10 से 50 साल आयुवर्ग के बीच की महिलाओं के मंदिर में प्रवेश पर लगा प्रतिबंध हटा दिया गया था. इस आदेश के अनुसार, इस मुद्दे पर बड़ी पीठ का आदेश आने तक किसी भी आयुवर्ग की महिला मंदिर में प्रवेश कर सकती है.