71वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर दादरा-नगर हवेली और दमन-दीव केंद्र शासित राज्य क्षेत्र अस्तित्व में आ गया है. मोदी सरकार ने दादरा और नगर हवेली के साथ दमन और दीव का विलय करने का ऐलान किया था.
अब दमन-दीव और दादरा-नगर हवेली को एक केंद्र शासित प्रदेश माना जाएगा. मोदी सरकार ने प्रशासन को बेहतर बनाने के लिए दादरा-नगर हवेली और दमन-दीव का विलय किया है.
नवगठित केंद्र शासित प्रदेश दमन दीव और दादर व नगर हवेली की राजधानी दमन होगी. यह फैसला मोदी कैबिनेट की बुधवार को हुई पिछली बैठक में लिया गया था.
संसद ने 3 दिसंबर को दादर नगर हवेली और दमन व दीव के 2 केंद्र शासित प्रदेशों को विलय करने के लिए दादर व नगर हवेली और दमन दीव (केंद्र शासित प्रदेशों का विलय) विधेयक, 2019 पारित किया था.
केंद्र शासित प्रदेश हुए 8
विलय के बाद अब देश में आठ केंद्र शासित राज्य होंगे. इससे पहले जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के गठन के बाद देश में केंद्र शासित राज्यों की संख्या 9 हो गई थी. इस विलय के बाद एक संख्या घटकर अब आठ हो जाएगी.
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दादर व नगर हवेली और दमन दीव के विलय का फैसला मोदी सरकार ने दोनों क्षेत्रों में प्रशासन को बेहतर बनाने के प्रबंधन के तहत किया. यह कदम जम्मू-कश्मीर राज्य के 2 केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजन के 3 महीने बाद आया था. जम्मू-कश्मीर के विभाजन से 2 केंद्र शासित प्रदेश-जम्मू-कश्मीर और लद्दाख बने हैं.
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दादरा और नगर हवेली में सिर्फ एक जिला है जबकि दमन और दीव में दो जिले हैं. ऐसे में केंद्र को दोनों केंद्र शासित प्रदेशों के लिए अलग-अलग सचिवालयों और दूसरे बुनियादी ढांचों पर खर्च करना पड़ता था.
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