PMLA प्रावधानों पर पुनर्विचार: 13 प्रस्तावित बिंदुओं पर सुनवाई करेगा SC, पहले स्वीकार्यता पर होगी बहस

अदालत ने कहा कि हम आज केवल उन मुद्दों पर बात करेंगे जो पंजीकृत हैं. प्रवर्तन निदेशालय ने तीन प्रारंभिक मुद्दे प्रस्तावित किए हैं. समीक्षा याचिकाकर्ता ने हमारे विचारार्थ 13 प्रश्न प्रस्तावित किए हैं. चूंकि प्रस्तावित मुद्दे समीक्षा कार्यवाही में उठ रहे हैं, इसलिए हम सबसे पहले समीक्षा याचिकाओं की स्वीकार्यता पर पक्षकारों की सुनवाई करने का प्रस्ताव रखते हैं. उसके बाद हम याचिकाकर्ताओं की ओर से उठाए जाने वाले प्रस्तावित प्रश्नों पर सुनवाई करेंगे.

Advertisement
कोर्ट ने कहा कि इसका उल्लेख आपको मुख्य न्यायाधीश के सामने करना होगा. हम यही मानते हुए आगे बढ़ेंगे कि सभी मुद्दे विचाराधीन हैं. (File Photo: ITG) कोर्ट ने कहा कि इसका उल्लेख आपको मुख्य न्यायाधीश के सामने करना होगा. हम यही मानते हुए आगे बढ़ेंगे कि सभी मुद्दे विचाराधीन हैं. (File Photo: ITG)

संजय शर्मा

  • नई दिल्ली,
  • 01 अगस्त 2025,
  • अपडेटेड 3:38 PM IST

सुप्रीम कोर्ट पीएमएलए के विभिन्न प्रावधानों को बरकरार रखने वाले अपने पहले के फैसले की समीक्षा के लिए दायर याचिकाओं पर आधारित 13 बिंदुओं पर सुनवाई आगे बढ़ाएगा. गुरुवार को याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि उन्होंने एक हलफनामा दायर किया है जिसमें कहा गया है कि समीक्षा केवल दो मुद्दों तक सीमित होगी. अदालत कृपया दूसरा आदेश देखे. उस पर कोई प्रतिबंध नहीं है.

Advertisement

वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने दलील दी कि उस आदेश में कभी भी अधिकतम दो विषय तक सीमित नहीं रखा गया है. सिब्बल ने कहा कि वैसे भी, एक और मामले में पूरा नोटिस जारी किया गया है. सिर्फ दो मुद्दों तक मामला सीमित नहीं है. कई और मामले हैं. उन पर भी यहां सुनवाई होनी चाहिए.

कोर्ट ने क्या कहा?

कोर्ट ने कहा कि इसका उल्लेख आपको मुख्य न्यायाधीश के समक्ष करना होगा. हम यही मानते हुए आगे बढ़ेंगे कि सभी मुद्दे विचाराधीन हैं. हम सभी जानते हैं कि समीक्षा की अपनी सीमाएं होती हैं. हमारा सुझाव है कि आप पहले प्रारंभिक मुद्दों पर बहस करें. हम सबसे पहले प्रारंभिक मुद्दों का निर्धारण करेंगे, तथा यह भी निर्धारित करेंगे कि हमारे विचारार्थ कौन से मुद्दे हैं.

पहले स्वीकार्यता पर होगी बहस

Advertisement

अदालत ने कहा कि हम आज केवल उन मुद्दों पर बात करेंगे जो पंजीकृत हैं. प्रवर्तन निदेशालय ने तीन प्रारंभिक मुद्दे प्रस्तावित किए हैं. समीक्षा याचिकाकर्ता ने हमारे विचारार्थ 13 प्रश्न प्रस्तावित किए हैं. चूंकि प्रस्तावित मुद्दे समीक्षा कार्यवाही में उठ रहे हैं, इसलिए हम सबसे पहले समीक्षा याचिकाओं की स्वीकार्यता पर पक्षकारों की सुनवाई करने का प्रस्ताव रखते हैं. उसके बाद हम याचिकाकर्ताओं की ओर से उठाए जाने वाले प्रस्तावित प्रश्नों पर सुनवाई करेंगे.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आखिर में अगल दलीलें अंतिम रूप से स्वीकार्य पाई जाती हैं तो विचार के लिए उठने वाले प्रश्नों का निर्धारण भी हमारी तरफ से ही किया जाएगा. जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि हम सब कुछ खुला रख रहे हैं.

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement