कश्मीर के पुलवामा में भारतीय सुरक्षा बलों पर सबसे बड़े आतंकी हमले के बाद भारत ने चीन सहित समूचे अंतरराष्ट्रीय समुदाय से आह्वान किया है कि वे संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में आतंकी मसूद अजहर और पाकिस्तान की जमीन पर सक्रिय सभी आतंकी संगठनों पर प्रतिबंध लगाने के भारत की मांग का समर्थन करें. गुरुवार को कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर आतंकी हमले में 37 जवान शहीद हो चुके हैं.
भारतीय विदेश मंत्रालय ने गुरुवार शाम को जारी एक बयान में कहा, 'हम पुरजोर तरीके से सभी देशों से यह अनुरोध करते हैं कि वे जेईएम प्रमुख मसूद अजहर सहित तमाम आतंकियों को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 1267 सैक्शंस कमिटी के तहत नामित आतंकी की सूची में डालने और पाकिस्तान की जमीन से संचालित आतंकी संगठनों पर प्रतिबंध लगाने के हमारे प्रस्ताव का समर्थन करें.'
पाकिस्तान ने किया खारिज
दूसरी तरफ, पाकिस्तान ने पुलवामा आतंकी हमले से अपने देश के किसी तरह की भूमिका को खारिज किया है. पाकिस्तान विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता डॉ. मोहम्मद फैजल ने अपने बयान में कहा है, 'हम भारतीय मीडिया और सरकार के कुछ तत्वों द्वारा लगाए गए ऐसे किसी तरह के आक्षेप को पूरी तरह से खारिज करते हैं, जिनमें बिना किसी जांच-पड़ताल के हमले से पाकिस्तान को जोड़ दिया जा रहा है.'
भारत ने इस हमले की कड़ी से कड़ी निंदा करते हुए इसे बहादुर सुरक्षा बलों पर आतंकियों का कायराना हमला बताया है. भारत ने यह साफ किया है कि देश की सुरक्षा पर कोई आंच नहीं आने दी जाएगी और उसने पाकिस्तान से दो टूक शब्दों में कहा है कि वह आतंकवाद का समर्थन करना बंद करे.
इस आतंकी हमले के तत्काल बाद जैश-ए-मोहम्मद ने जिम्मेदारी ले ली थी, जिसके बाद भारतीय विदेश मंत्रालय ने विश्व समुदाय को याद दिलाया कि पाकिस्तान से संचालन कर रहे आतंकी मसूद अजहर को अभयदान दी गई है. भारत ने कहा, 'इस जघन्य और नीचतापूर्ण कार्रवाई की साजिश पाकिस्तान से संचालित होने और वहां समर्थन हासिल करने वाले आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने रची है, जिसे संयुक्त राष्ट्र और कई अन्य देशों ने गैर कानूनी करार दिया है. इस आतंकी संगठन को पाकिस्तान सरकार ने अपनी जमीन पर संचालित होने और आतंकी ढांचे के विस्तार की खुली छूट दे रखी है और उसे भारत या कहीं भी हमला करने का अभयदान मिला हुआ है.'
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने पुलवामा के आतंकी हमले की 'निंदा' की है, लेकिन उसने अपने बयान में जैश के चीफ मसूद अजहर का उल्लेख नहीं किया है. पाकिस्तान ने इस मामले में भी कोई भरोसा नहीं दिया है कि इस आतंकी हमले की जिम्मेदारी लेने वाले आतंकी संगठन के खिलाफ कोई कार्रवाई की जाएगी.
डॉ. फैजल ने कहा, 'भारतीय नियंत्रण वाले कश्मीर के पुलवामा में हमला गहरी चिंता की बात है. हम हमेशा दुनिया में कहीं भी होने वाली हिंसा की आलोचना करते हैं.' गौरतलब है कि कश्मीर में यह अब तक का सबसे बड़ा आतंकी हमला है. इसके पहले 2001 में कश्मीर विधानसभा में हुए हमले में 38 लोग मारे गए थे.
गीता मोहन