समुद्री रास्ते के जरिए पूरी दुनिया का चक्कर लगा रही INSV 'तारिणी' केपहॉर्न (चिली) पहुंच गई है. इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तारिणी में तैनात भारतीय नौसेना की 6 महिला सदस्यों को ट्वीट कर बधाई दी है. बता दें कि तारिणी के जरिए ये सभी महिलाएं पिछले साल दुनिया के भ्रमण पर निकली थीं.
बीते साल अगस्त में मन की बात के दौरान भी पीएम मोदी ने कहा था कि ये छह बेटियां, एक छोटी-सी नाव (आईएनएस तारिणी) लेकर समुद्र पार करने के लिए निकल पड़ेंगीं. इस अभियान का नाम दिया गया है ‘नाविका सागर परिक्रमा’ और वह पूरे विश्व का भ्रमण करके कई महीनों बाद भारत लौटेंगी. कभी एक साथ 40-40 दिन पानी में बिताएगी. कभी-कभी 30-30 दिन पानी में बिताएंगी. साथ ही समुद्र की लहरों के बीच साहस के साथ हमारी ये छह बेटियां और ये विश्व में पहली घटना हो रही है.
क्यों खास है 'तारिणी'?
- महादेई के बाद 'तारिणी' नौसेना का दूसरा नौकायन पोत है. नौसेना की 6 महिला सदस्य इसके जरिया दुनिया का चक्कर लगा रही हैं.
- गोवा के एक्वेरियस शिपयार्ड लिमिटेड में तैयार की गई तारिणी हॉलैंड के टोन्गा 56 नाम के डिजाइन पर आधारित है. इसे बनाने में फाइबर ग्लास, एल्युमिनियम और स्टील जैसी धातुएं इस्तेमाल की गई हैं.
- तारिणी में कुल छह पाल लगे हैं जो इसे मुश्किल से मुश्किल हालात में भी सफर तय करने की ताकत देते हैं. अत्याधुनिक सेटेलाइट सिस्टम के जरिये तारिणी के क्रू से दुनिया के किसी भी हिस्से में संपर्क किया जा सकता है.
- तारिणी के सारे ट्रायल बीते साल 30 जनवरी को पूरे हुए थे. इसकी तकनीक विकसित करने में महादेई को चलाने का अनुभव खासा काम आया है. पिछले साल मार्च में पूर्व रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने तारिणी के निर्माण का आगाज किया था.
- ये नौकायन पोत तय सीमा से पहले बनकर तैयार हुआ है और इसे प्रधानमंत्री के 'मेक इन इंडिया' कार्यक्रम के लिए उपलब्धि माना जा रहा है.
- बोट का नामकरण ओडिशा में मशहूर तारा-तारिणी मंदिर के नाम पर हुआ है. संस्कृत में तारिणी का मतलब नौका के अलावा पार लगाने वाला भी होता है.
आइएनएस तारिणी: एक नजर में
- वजन: 23 टन
- लंबाई: 55 फीट
- मस्तूल की उंचाई: 75 फ़ीट
- पहली बार दुनिया का चक्कर लगानी वाली भारतीय नौका महादेई की तर्ज पर तारिणी को बनाया गया है.
- नौका का निर्माण गोवा में किया गया
- भारतीय नौसेना में आइएनएस तारिणी को 18 फरवरी 2017 को शामिल किया गया था.
- तारिणी सेटेलाइट संचार के आधुनिक उपकरणों से लैस है.
मोहित ग्रोवर