टेंपर डिटेक्शन और सेल्फ डायग्नोसिस फीचर से लैस हैं M3 EVM, हेरफेर की गुंजाइश नहीं

ईवीएम के एम-3 वर्जन में सेल्फ डायग्नोस्टिक फीचर हैं जो खुद जांच कर सकता है कि उसकी सभी यूनिट ठीक से काम कर रही है या नहीं. यदि ईवीएम के सॉफ्टवेयर को कोई खराबी नजर आती है तो इसका सॉफ्टवेयर इसे खुद पकड़ लेता है और ये खराबी डिस्पले पर दिखने लगती है.

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प्रतीकात्मक तस्वीर प्रतीकात्मक तस्वीर

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 10 जून 2020,
  • अपडेटेड 3:50 PM IST

  • सुरक्षा इंतजामों से लैस है एम-3 EVM
  • बिहार विधानसभा में होगा इस्तेमाल
चुनाव आयोग ने बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियों को तेज कर दिया है. बिहार में पहली बार इस दफे सभी 243 सीटों पर ईवीएम का अपग्रेडेड वर्जन एम-3 का इस्तेमाल होगा. ये ईवीएम पहले के मुकाबले तकनीकी रूप से अधिक उन्नत और सुरक्षित है.

टेंपर डिटेक्शन की विशेषता

EVM के एम-1 और एम-2 वर्जन के मुकाबले एम-3 में सुरक्षा के ज्यादा इंतजाम हैं. इस ईवीएम में टेंपर डिटेक्शन की सुविधा है. यानी कि ईवीएम का सॉफ्टवेयर अपने सिस्टम के साथ होने वाले अवैध हस्तक्षेप को खुद पहचानने में सक्षम है. इसके बाद ईवीएम अपने आप काम करना बंद कर देता है. इससे ईवीएम में छेड़छाड़ की गुंजाइश खत्म हो जाती है.

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कंट्रोल यूनिट और बैलट यूनिट में संवाद

इस EVM की कंट्रोल यूनिट और बैलट यूनिट आपस में संवाद करने में सक्षम है. यदि बाहर से कोई कंट्रोल यूनिट या बैलट जोड़ने की कोशिश करता है तो इसके डिजिटल सिग्नेचर मैच नहीं होते हैं और सिस्टम काम करना बंद कर देता है.

सॉफ्टवेयर पकड़ लेता है गलती

ईवीएम के एम-3 वर्जन में सेल्फ डायग्नोस्टिक फीचर हैं जो खुद जांच कर सकता है कि उसकी सभी यूनिट ठीक से काम कर रही है या नहीं. यदि ईवीएम के सॉफ्टवेयर को कोई खराबी नजर आती है तो इसका सॉफ्टवेयर इसे खुद पकड़ लेता है और ये खराबी डिस्पले पर दिखने लगती है.

पढ़ें- बिहार चुनाव: अपडेटेड EVM का होगा इस्तेमाल, छेड़छाड़ होने पर देता है सिग्नल

बता दें कि मतदान के दौरान अक्सर ईवीएम मशीनों के खराब होने की खबरें आती है. ये नया फीचर सुचारू रूप से मतदान संपन्न कराने में मददगार हो सकता है. 2019 के लोकसभा चुनाव में इस फीचर वाले EVM का इस्तेमाल किया जा चुका है.

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ज्यादा डाटा स्टोर करने में सक्षम

M3 ईवीएम में 24 बैलट यूनिट और 384 प्रत्याशियों के बारे में जानकारी होगी. इससे पहले M1 और M2 वर्जन में केवल 4 बैलेट यूनिट और 64 प्रत्याशियों के बारे में ही जानकारी ईवीएम में होती थी.

M3 ईवीएम को ईलेक्ट्रानिक्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड और भारत इलेक्ट्रानिक्स लिमिटेड ने बनाया है.

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