छेड़छाड़ की गुंजाइश नहीं
जानकारी के मुताबिक, ईवीएम के M3 वर्जन के साथ कोई भी छेड़छाड़ नहीं की जा सकती है. अगर कोई भी इस ईवीएम को खोलने का जरा भी प्रयास करेगा तो यह अपने आप बंद हो जाएगा. देश के दूसरे हिस्सों में पिछले साल हुए चुनाव में इस ईवीएम का इस्तेमाल किया जा चुका है.
बिहार के मुख्य चुनाव अधिकारी एचआर श्रीनिवास ने आज तक को बताया कि इससे पहले 2019 लोकसभा चुनाव में बिहार में ईवीएम के M3 वर्जन का इस्तेमाल आंशिक तौर पर किया गया था मगर इस बार विधानसभा चुनाव में सभी 243 सीटों पर इसका पूर्ण इस्तेमाल किया जाएगा.
EVM की थर्ड जेनेरेशन
M3 वर्जन में जो खास बातें हैं वह यह कि यह ईवीएम की थर्ड जनरेशन है और तकनीकी तौर पर काफी उन्नत भी है. M3 ईवीएम में 24 बैलट यूनिट और 384 प्रत्याशियों के बारे में जानकारी होगी.
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ईवीएम में सेल्फ डायग्नोस्टिक फीचर हैं जो खुद जांच कर सकता है कि उसकी सभी यूनिट ठीक से काम कर रही हैं या नहीं.
सिग्नल भेजकर करता है सचेत
इस ईवीएम में टैंपर प्रूफ मेकैनिज्म भी लगा हुआ है जिसकी वजह से अगर कोई भी इसके बटन को बार-बार दबाता है तो एक सिग्नल निकलता है जो सचेत करता है कि ईवीएम के साथ काफी छेड़छाड़ की जा रही है.
इससे पहले M1 और M2 वर्जन में केवल 4 बैलेट यूनिट और 64 प्रत्याशियों के बारे में ही जानकारी होती थी. बिहार में इस साल के अंत तक सभी 243 सीटों पर विधानसभा चुनाव प्रस्तावित है.
रोहित कुमार सिंह