कर्नाटक में सिर्फ एक व्यक्ति की सरकार होने पर कांग्रेस मुखर है. 18 दिनों बाद भी मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा अपने मंत्रिपरिषद का गठन नहीं कर सके हैं. कांग्रेस ने संविधान का हवाला देते हुए कहा है कि राज्यपाल मंत्रिपरिषद के परामर्श पर काम करते हैं तो फिर 18 दिनों से कैसे बिना मंत्रिपरिषद के सरकार चल रही है.
कांग्रेस की तरफ से पार्टी प्रवक्ता वीएसस उग्रप्पा ने राज्यपाल की खामोशी पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि क्या राज्य में संविधान के नियमों के मुताबिक सरकार चल रही है? एक मुख्यमंत्री को कैसे सरकार कहा जा सकता है? कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि राज्यपाल को इस मसले को संज्ञान में लेकर सरकार बर्खास्त करनी चाहिए.
फिर दिल्ली आने की तैयारी में येदियुरप्पा
मंत्रियों की सूची फाइनल करने के लिए बीते सात अगस्त को दिल्ली पहुंचे बीएस येदियुरप्पा को बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह यह कहकर लौटा चुके हैं कि अभी बाढ़ राहत एवं पुनर्वास पर ध्यान दें. मंत्रिपरिषद से कहीं ज्यादा जरूरी जनता की सुरक्षा है. अब सूत्र बता रहे हैं कि 15 अगस्त के बाद 16 अगस्त को बीएस येदियुरप्पा बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह से भेंट करने के लिए दिल्ली आ सकते हैं.
चूंकि कर्नाटक में जद(एस)-कांग्रेस सरकार गिरने के बाद भले ही संख्याबल बीजेपी के पक्ष में हैं, मगर जमीन ज्यादा मजबूत नहीं है. ऐसे में येदियुरप्पा चाहते हैं कि सभी समीकरणों को ध्यान में रहकर ही वह मंत्रिपरिषद गठित करें. जिससे मंत्रिपरिषद को लेकर किसी तरह की नाराजगी न रहे. इस नाते वह केंद्रीय नेतृत्व से इस मसले पर परामर्श के बाद ही अपने स्तर से मंत्रियों की सूची फाइनल करना चाहते हैं.
कब शपथ लिए थे येदियुरप्पा
अल्पमत में आने के बाद जद(एस)-कांग्रेस गठबंधन सरकार गिर गई थी. कई दिनों की उठापटक के बाद बीजेपी ने सरकार बनाई. 26 जुलाई को बीएस येदियुरप्पा ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. उनके साथ किसी भी मंत्री ने शपथ नहीं ली थी. क्योंकि अब तक बीएस येदियुरप्पा बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व के साथ रायशुमारी कर मंत्रियों की लिस्ट नहीं तैयार कर सके हैं.
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