राज्यों से भगवा नक्शा और सिकुड़ा, झारखंड भी बीजेपी के हाथ से जाने का अनुमान: Exit Poll

2019 विधानसभा चुनाव के लिए राज्य में बीजेपी और AJSU ने अलग अलग चुनाव लड़ा. एग्जिट पोल के जो अनुमान है वो बीजेपी के लिए इसलिए भी बड़ा झटका है क्योंकि इसी साल मई में लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने राज्य की 14 में से 11 सीट पर जीत हासिल की थी.

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आजतक और एक्सिस माई इंडिया का एग्जिट पोल आजतक और एक्सिस माई इंडिया का एग्जिट पोल

हरमीत शाह सिंह / खुशदीप सहगल

  • नई दिल्ली,
  • 20 दिसंबर 2019,
  • अपडेटेड 8:00 AM IST

  • इंडिया टुडे–एक्सिस माई इंडिया एग्जिट पोल में बीजेपी की हार का अनुमान
  • हेमंत सोरेन सीएम के तौर पर राज्य की पहली पसंद
  • झारखंड के मतदाता रघुबर दास से नाखुश

महाराष्ट्र में हाल में सत्ता से बाहर होने के बाद बीजेपी को एक और राज्य में झटका लगने जा रहा है. इंडिया टुडे – एक्सिस माई इंडिया एग्जिट पोल के अनुमान के मुताबिक झारखंड राज्य में भी बीजेपी सत्ता से हाथ धो सकती है. एग्जिट पोल के अनुमान बता रहे हैं कि झारखंड विधानसभा चुनाव में विपक्षी गठबंधन निर्णायक जीत हासिल करने जा रहा है. इस विपक्षी गठबंधन में झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM), कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (RJD) शामिल हैं.

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पांच चरणों वाले झारखंड विधानसभा चुनाव में इस बार बीजेपी ने अकेले ताल ठोकी थी. 81 सदस्यीय सदन में बीजेपी को एग्जिट पोल के अनुमान के मुताबिक 22 से 32 सीटों पर जीत हासिल हो सकती है. वहीं विपक्षी गठबंधन की झोली में 38 से 50 सीट जा सकती है. झारखंड विधानसभा में बहुमत का जादुई आंकड़ा 41 का है.

अभी तक झारखंड विधानसभा में बीजेपी के पास 37 सीट थीं, वहीं उसके सहयोगी रहे आल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन (AJSU)  के पास 5 सीट थीं. 2014 विधानसभा चुनाव में JMM को 19, कांग्रेस को पास 6 और बाबूलाल मरांडी के नेतृत्व वाली पार्टी झारखंड विकास मोर्चा यानि JVM को 8 सीट पर जीत हासिल हुई थी. बाद में JVM के 6 विधायकों ने बीजेपी को समर्थन देकर पाला बदल लिया. 2014 विधानसभा में अन्य को भी 6 सीट पर कामयाबी मिली थी.

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2019 विधानसभा चुनाव के लिए राज्य में बीजेपी और AJSU ने अलग अलग चुनाव लड़ा. एग्जिट पोल के जो अनुमान है वो बीजेपी के लिए इसलिए भी बड़ा झटका है क्योंकि इसी साल मई में लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने राज्य की 14 में से 11 सीट पर जीत हासिल की थी. 2019 लोकसभा चुनाव से झारखंड विधानसभा सीटों का आकलन किया जाए तो मई में राज्य में बीजेपी को 57 सीट पर बढ़त हासिल थी. 

इंडिया टुडे – एक्सिस माई इंडिया पोल के मुताबिक इस चुनाव में विपक्षी गठबंधन की तीनों अहम पार्टियां 2014 के मुकाबले कहीं बेहतर प्रदर्शन किया है. JMM को 2014 में जीती 19 सीटों की तुलना में इस बार 24 से 28 सीट पर जीत हासिल हो सकती है. वहीं कांग्रेस की सीटों का आंकड़ा भी इस बार 12 से 18 सीट का हो सकता है. 2014 में कांग्रेस को सिर्फ 6 सीट पर ही जीत हासिल हुई थी. विपक्षी गठबंधन में शामिल RJD को इस बार 2 से 4 सीट पर जीत मिल सकती है. 2014 विधानसभा चुनाव में RJD का खाता भी नहीं खुल सका था.

वोट शेयर

जहां तक वोट शेयर की बात की जाए तो बीजेपी का वोट शेयर 2014 विधानसभा चुनाव के मुकाबले 3% बढ़ सकता है. बीजेपी को इस बार 34% वोट मिलने का अनुमान है. लेकिन सीटों की बात की जाए तो बीजेपी को विपक्षी गठबंधन से इस बार मात खानी पड़ सकती है.

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जातिगत गणित की बात की जाए तो JMM-कांग्रेस-RJD गठबंधन को ST वोटरों में से 53% और ईसाई वोटरों में से 69% का समर्थन मिल रहा है. वहीं बीजेपी को SC में 27% और ईसाई वोटरों में 12% का ही समर्थन मिल सका.  

सोरेन फैक्टर

झारखंड के वोटरों के लिए मुख्यमंत्री के तौर पर  पहली पसंद के तौर पर JMM प्रमुख हेमंत सोरेन उभरे हैं. एग्जिट पोल में उन्हें 29% वोटरों ने अपनी पहली पसंद बताया. वहीं मुख्यमंत्री रघुबर दास को 26%  वोटरों ने ही मुख्यमंत्री के लिए अपनी पसंद बताया. इस मोर्चे पर JVM नेता बाबूलाल मरांडी को सिर्फ 10%  वोटरों का ही समर्थन मिला.

अहम मुद्दे

झारखंड में 48% वोटरों के मुताबिक सबसे ज्यादा विकास के मुद्दे ने उनके वोट देने के फैसले को प्रभावित किया. सत्ता विरोधी रूझान, दूसरा फैक्टर रहा जिसने 30% वोटरों के वोट देने के फैसले पर असर रहा. एग्जिट पोल के मुताबिक 30%  वोटरों ने झारखंड में परिवर्तन के हक में राय व्यक्त की.

एग्जिट पोल के अनुमानों से साफ है कि झारखंड के वोटरों की केंद्र में मोदी सरकार और उसके कामकाज को लेकर जैसी अच्छी राय है, वैसा विश्वास झारखंड राज्य में रघुबर दास के नेतृत्व वाली सरकार को नहीं मिला. एग्जिट पोल के 36% प्रतिभागियों ने केंद्र में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार को पसंद किया.

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एग्जिट पोल की अहम बातें

-वोटर मुख्यमंत्री रघुबर दास से नाखुश

-बीजेपी को जो समर्थन मिला, वो पीएम मोदी की वजह से

-सत्ता विरोधी रूझान ने झारखंड में असर दिखाया

-गैर आदिवासी सीएम होने की वजह से आदिवासी बीजेपी से दूर हुए

-गैर आदिवासियों को जमीन आवंटन से आदिवासी नाखुश, बेरोजगारी भी मुद्दा

-AJSU ने बीजेपी के कुर्मी/महतो गढ़ों में सेंध लगाई

-विपक्षी गठबंधन ने ज़मीन पर अच्छा तालमेल दिखाया

-विपक्ष ने जातिगत समीकरणों पर सीटों का चुनाव किया

-सीएम के तौर पर हेमंत सोरेन की उम्मीदवारी ने विपक्षी कैडर को कारगर ढंग से प्रेरित किया

एग्जिट पोल पर किसने क्या कहा?

मुख्यमंत्री रघुबर दास ने एग्जिट पोल के नतीजों से असहमति व्यक्त की. उन्होंने विश्वास के साथ कहा कि उनकी पार्टी सत्ता में बनी रहेगी. दास ने कहा, 'मैं नहीं समझता कि लोग हमसे नाखुश हैं.' निवर्तमान मुख्यमंत्री ने दावा किया कि राज्य के वोटर उनकी सरकार के कामकाज से खुश हैं.

कांग्रेस नेता आरपीएन सिंह ने दावा किया कि झारखंड में विपक्षी गठबंधन भारी बहुमत के साथ सरकार बनाने जा रहा है. उन्होंने झारखंड चुनाव को उन राष्ट्रीय मुद्दों पर जनादेश बताया जिन मुद्दों को पीएम मोदी और बीजेपी के अन्य स्टार प्रचारकों ने झारखंड चुनाव प्रचार के दौरान उठाया था.

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JMM नेता हेमंत सोरेन ने कहा कि बीजेपी से वोटरों के विमुख होने के अऩेक कारण हैं. इनमें कानून और व्यवस्था की स्थिति और बीजेपी सरकार के नीतिगत फैसलों पर जनता का रोष अहम है. सोरेन ने जनादेश को आदिवासी बनाम गैर आदिवासी मुकाबला मानने से इनकार किया.

मेथेडोलॉडी

इंडिया टुडे – एक्सिस माई इंडिया एग्जिट पोल झारखंड की 81 विधानसभा सीटों में 12,489 प्रतिभागियों से टेलीफोन पर लिए साक्षात्कारों पर आधारित है. 

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