HC के आदेश के बाद साउथ MCD ने बनाई कूड़ा फेंकने की नई गाइडलाइन्स

हाईकोर्ट ने साउथ एमसीडी से कूड़े के निपटान के लिए कदम उठाने के लिए कहा था. साथ ही ये कहा था कि गार्बेज सेग्रीगेशन एट सोर्स ही हो. ताकि लैंडफिल पर पहुंचने वाले कूड़े को कम किया जा सके और कूड़ा फेंकने की जगह की कमी का हल निकाला जा सके.

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कूड़ा फेंकने को लेकर बनी नई गाइडलाइन्स कूड़ा फेंकने को लेकर बनी नई गाइडलाइन्स

आदित्य बिड़वई / कपिल शर्मा

  • नई दिल्ली,
  • 04 सितंबर 2017,
  • अपडेटेड 5:56 PM IST

दिल्ली की साउथ एमसीडी ने कूड़ा फेंकने को लेकर नई गाइडलाइन्स बना दी हैं. यह कदम साउथ एमसीडी ने दिल्ली हाईकोर्ट के एक आदेश के बाद किया है. फिलहाल इसे द्वारका सब-सिटी तक सीमित रखा गया है. गाइडलाइन्स को लेकर लोगों से उनके सुझाव और आपत्तियां भी मांगी गई हैं, ताकि इनमें सुधार भी किया जा सके.

गौरतलब है कि हाईकोर्ट ने साउथ एमसीडी से कूड़े के निपटान के लिए कदम उठाने के लिए कहा था. साथ ही ये कहा था कि गार्बेज सेग्रीगेशन एट सोर्स ही हो. ताकि लैंडफिल पर पहुंचने वाले कूड़े को कम किया जा सके और कूड़ा फेंकने की जगह की कमी का हल निकाला जा सके.

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क्या है गाइड लाइन्स...

- सूखा और गीला कूड़ा अलग-अलग करें. गीला कूड़ा आर्गेनिक होता है, जिसमें पकी हुई या बिना पकी खाने की चीजें शामिल हों. जबकि सूखे कूड़े में प्लास्टिक, रबर, मेटल जैसी चीज़ें शामिल हैं.

-घरों से निकलने वाले कूड़े में एक और हिस्सा खतरनाक तरह के कूड़े का होता है, इसमें पेंट्स, कीटनाशक, क्लीनिंग एजेंट्स और इनके कंटेनर शामिल हैं.

-कूड़े के सही निपटान के लिए जरूरी है कि गीला कूड़ा यानी जो बायोडीग्रेडेबल है उसे अलग डिब्बे में डाला जाए. एमसीडी ने इसके लिए हरे रंग का डिब्बा तय किया है.

- साथ ही सूखे कूड़े के लिए नीले डिब्बे का इस्तेमाल किया जाना चाहिए. इसमें रबर, मैटल या प्लास्टिक का कूड़ा डाला जाना चाहिए.

-गीले और सूखे कूड़े को मिक्स नहीं किया जाना चाहिए. खतरनाक कूड़ा भी अलग से डिस्पोज करना चाहिए.

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-हाउसिंग सोसायटीज़ में गीले और सूखे कूड़े के लिए अलग-अलग बड़े डस्टबिन साउथ एमसीडी लगाएगी. इसी में डस्टबिन के कलर के हिसाब से कूड़ा डाला जाएगा, इस कूड़े को हर रोज़ साउथ एमसीडी के कर्मचारी एक तय समय पर इकठ्ठा करेंगे.

-गीला कूड़ा रोज़ाना उठाया जाएगा, जबकि सूखा कूड़ा तीन दिन में एक बार उठाया जाएगा. साथ ही खतरनाक कैटेगरी में आने वाले कूड़े को सप्ताह में एक बार उठाकर तय स्थानों पर पहुंचाया जाएगा.

-बल्क गार्बेज उत्पादन करने वाले संस्थानों या सरकारी बिल्डिगों में गार्बेज कंपोस्टर लगाने का  नियम बनाया जाएगा, जिसमें गार्बेज प्रोसेस किया जाएगा। लेकिन जब तक कंपोस्टर नहीं लगाया जाता, हाउसिंग सोसायटी के नियम बल्क गार्बेज जनरेटरों पर भी लागू होंगे.

-गीला या सूखा किसी भी तरह का कूड़ा खुले मैदान या सड़क किनारे फेंकना गैरकानूनी होगा.

-किसी भी जगह पर सौ या ज्यादा लोगों को इकठ्ठा करके कार्यक्रम करने वालों के लिए ये जरूरी होगा कि वो तीन दिन पहले इसकी सूचना साउथ एमसीडी को दें और गीला-सूखा कूड़ा अलग अलग करके एमसीडी के हवाले करें.

 

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