ISRO के 'शतकवीर' सैटेलाइट ने भेजी पहली फोटो, दिखा इंदौर क्रिकेट स्टेडियम

इसरो ने शुक्रवार सुबह 9.28 पर पीएसएलवी के जरिए एक साथ 31 उपग्रह को लॉन्च किए. भेजे गए कुल 31 उपग्रहों में से तीन भारतीय हैं और 28 अन्य छह देशों के थे. पृथ्वी अवलोकन के लिए 710 किलोग्राम का कार्टोसेट-2 सीरीज मिशन का प्राथमिक उपग्रह है.

Advertisement
ISRO ने जारी की फोटो ISRO ने जारी की फोटो

अनुग्रह मिश्र

  • चेन्नई,
  • 16 जनवरी 2018,
  • अपडेटेड 7:47 AM IST

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र (इसरो) ने मंगवार को कार्टोसैट-2 श्रृंखला के अपने उस उपग्रह द्वारा ली गई पहली तस्वीर जारी की जिसे हाल में यहां से 110 किलोमीटर दूर अंतरिक्ष एजेंसी के श्रीहरिकोटा स्पेसपोर्ट से लॉन्च किया गया था.

भारत ने इस प्रक्षेपण से अपने 100 उपग्रह अंतरिक्ष में भेजने का कीर्तिमान रचा है. इस उपग्रह ने पहले दिन  इंदौर के होलकर स्टेडियम की तस्वीर भेजी है. इस तस्वीर को बंगलुरू मुख्यालय वाले इसरो की वेबसाइट पर जारी किया गया है.

Advertisement

देखें इंदौर के होलकर क्रिकेट स्टेडियम की फोटो

इसरो ने शुक्रवार सुबह 9.28 पर पीएसएलवी के जरिए एक साथ 31 उपग्रह को लॉन्च किए. भेजे गए कुल 31 उपग्रहों में से तीन भारतीय हैं और 28 अन्य छह देशों के थे. पृथ्वी अवलोकन के लिए 710 किलोग्राम का कार्टोसेट-2 सीरीज मिशन का प्राथमिक उपग्रह है.

इसके अलावा 100 किलोग्राम का माइक्रो और 10 किलोग्राम का नैनो उपग्रह भी शामिल थे. कुल 28 अंतरराष्ट्रीय सह-यात्री उपग्रहों में से 19 अमेरिका, 5 दक्षिण कोरिया और एक-एक कनाडा, फ्रांस, ब्रिटेन और फिनलैंड के थे.

बीते साल भेजे थे 104 उपग्रह

बीते साल फरवरी में भारत ने एक साथ 104 उपग्रहों को भेजा था. इनमें अमेरिका के अलावा इजरायल, हॉलैंड, यूएई, स्विट्जरलैंड और कजाकिस्तान के छोटे आकार के सैटेलाइट शामिल थे. भारत के सिर्फ तीन सैटेलाइट शामिल इस प्रक्षेपण में थे. प्रक्षेपित किए जाने वाले उपग्रहों में सबसे ज्यादा 96 उपग्रह अमेरिका के थे.

Advertisement

मंगलयान ने रचा इतिहास

वहीं 5 नवंबर 2013 को मंगल यात्रा पर भेजे गए 'मंगलयान' ने 24 सितंबर 2014 को मंगल की कक्षा में पहुंचकर इतिहास रच दिया था. इसके साथ ही भारत अपने पहले प्रयास में ही मंगल पर पहुंच जाने वाला दुनिया का पहला देश बन गया था. मंगल पर पहुंचने वाले अमेरिका और पूर्व सोवियत संघ जैसे देशों को कई प्रयासों के बाद ये सफलता मिली थी. चीन आजतक मंगल की कक्षा में प्रवेश नहीं कर पाया है.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement