मोदी सरकार के समर्थक फ्रेंच युद्धक विमानों को लेकर सोशल मीडिया पर जोशीले शब्दों की ‘बमबारी’ कर रहे हैं. फेसबुक और ट्विटर पर उनकी ओर से दावे किए जा रहे हैं कि पेरिस की ओर से नई दिल्ली को राफेल डील के साथ तोहफे में मुफ्त भी बहुत कुछ दिया जा रहा है.
'अटल मोदी' नाम के फेसबुक पेज पर एक पोस्ट में दावा किया गया है कि फ्रांस ने भारत को सद्भभावना के तौर पर उठाए कदम में 32 जगुआर और 2 मिराज-2000 फाइटर जेट्स देने का फैसला किया है. इस पेज पर 17 लाख लाइक्स हैं.
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इंडिया टुडे की फैक्ट चेक टीम ने इस तरह के दावों की पड़ताल का फैसला किया. मोदी सरकार फ्रांस की कंपनी दसॉ (Dassault) के साथ 36 राफेल लड़ाकू विमानों की खरीद के लिए 2016 में हुई डील को लेकर विपक्ष के आरोपों के घेरे में है. ऐसे में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर फ्रांस की ओर से तोहफे के तौर पर जगुआर- मिराज 2000 दिए जाने संबंधी दावे क्या राफेल डील को लेकर मोदी सरकार के फैसले को सही ठहराने के लिए किए जा रहे हैं?
फैक्ट चेक टीम ने पाया कि राफेल डील के साथ कथित तौर पर मुफ्त जगुआर दिए जाने का दावा महज प्रोपेगंडा के सिवा और कुछ नहीं है.
भारतीय वायुसेना से जुड़े सूत्रों के मुताबिक पुराने पड़ चुके जगुआरों के मौजूदा बेड़े की देखभाल करना ही भारी हो रहा है. भारतीय वायुसेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने हैरानी जताई कि ‘वायुसेना क्यों ऐसे और विमानों को लेने की इच्छुक होगी?’
फिर राफेल डील के साथ मुफ्त जगुआर दिए जाने की अफवाह सबसे पहले कहां से उड़ी? फैक्ट चेक टीम ने एक फ्रेंच साप्ताहिक पत्रिका को ट्रैक किया जिसने फ्रांस सरकार के सूत्रों के हवाले से एक साल पहले के दावे का जिक्र किया कि फ्रांस भारत को 31 जगुआर लड़ाकू विमान देने का इरादा रखता है.
ये सही है कि भारत अपने लड़ाकू विमानों के दस्तों को बदलना चाहता है. भारतीय वायुसेना को 42 दस्तों की आवश्यकता है लेकिन अभी इसके पास लड़ाकू विमानों के 31 दस्ते ही बचे हैं.
उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक फ्रांस का पहला राफेल मल्टीरोल लड़ाकू विमान 2019 तक ही भारत आ पाएगा, ऐसे में भारतीय वायुसेना को स्पेयर पार्ट्स की तत्काल आवश्यकता है.
भारतीय वायुसेना के सूत्रों ने फैक्ट चेक टीम को बताया कि हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) की ओर से करीब 61 जगुआर विमानों को नौसेना और वायुसेना के लिए अपग्रेड किया जाना है. इसी तरह मिराज-2000 लड़ाकू विमानों के तीन दस्तों के लिए भी असल स्पेयर पार्ट्स उपलब्ध नहीं हैं.
फ्रांस ने अपने जगुआर विमानों को 2005 में ही रिटायर कर दिया था. इन्हें दसॉ राफेल मल्टीरोल लड़ाकू विमानों से बदला गया था. ब्रिटेन, इक्वाडोर, नाइजीरिया और ओमान जैसे देश भी जगुआर विमानों को हटा चुके हैं.
रक्षा मंत्रालय के सूत्रों ने इंडिया टुडे को बताया कि फ्रांस ने अपने रिटायर हो चुके जगुआर लड़ाकू विमानों से स्पेयर पार्ट्स देने पर सहमति जताई है. एक आधिकारिक सूत्र के मुताबिक इन स्पेयर पार्ट्स को भारत लाया जाएगा और इसके लिए हमें सिर्फ फ्लाइट से लाने का खर्च देना होगा.
फैक्ट चेक टीम की जांच से ये साफ है कि भारत को फ्रांस से जगुआर लड़ाकू विमान नहीं मिल रहे. जो मिल रहा है वो सिर्फ जगुआर के स्पेयर पार्ट्स हैं जो हमारे मौजूदा जगुआर विमानों को उड़ान के लिए सक्षम रख पाएंगे. साथ ही इन स्पेयर पार्ट्स का राफेल डील से कोई लेना देना नहीं है.
मोनिका गुप्ता / आनंद पटेल / खुशदीप सहगल