नारदा केस की पहली गिरफ्तारी, IPS एस मिर्जा गिरफ्तार

सीबीआई ने आईपीएस अधिकारी एस मिर्जा को नारदा चिट फंड मामले में गिरफ्तार कर लिया है. नारदा चिट फंड केस में यह पहली गिरफ्तारी है. मिर्जा को 30 सितंबर तक सीबीआई हिरासत में भेज दिया गया है.

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सीबीआई ने एस मिर्जा को किया गिरफ्तार (फाइल फोटो) सीबीआई ने एस मिर्जा को किया गिरफ्तार (फाइल फोटो)

इंद्रजीत कुंडू

  • नई दिल्ली,
  • 26 सितंबर 2019,
  • अपडेटेड 6:07 PM IST

  • नारदा चिट फंड मामले में आईपीएस एस मिर्जा गिरफ्तार
  • एक दर्जन व्यक्तियों के आवाज के नमूने का परीक्षण करवा रही सीबीआई

सीबीआई ने आईपीएस अधिकारी एस मिर्जा को नारदा चिट फंड मामले में गिरफ्तार कर लिया है. नारदा चिट फंड केस में यह पहली गिरफ्तारी है. मिर्जा को 30 सितंबर तक सीबीआई हिरासत में भेज दिया गया है.

सीबीआई ने आईपीएस अधिकारी एसएमएच मिर्जा को नारद न्यूज पोर्टल द्वारा किए गए स्टिंग ऑपरेशन मामले में गिरफ्तार किया है. इस मामले में सीबीआई ने पहले भी उनसे कई बार पूछताछ की है.

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2016 में हुए स्टिंग ऑपरेशन के बाद जब मिर्जा पकड़े गए तब वो अविभाजित बर्दवान जिले में पुलिस अधीक्षक (सुप्रीटेंडेंट) के पद पर कार्यरत थे. जांच एजेंसी सीबीआई फिलहाल स्टिंग में पकड़े गए एक दर्जन व्यक्तियों के आवाज के नमूने का परीक्षण करवा रही है, जिसमें कई टीएमसी सांसद और मंत्री भी शामिल हैं.

इससे पहले सीबीआई की एंटी करप्शन ब्यूरो ने इस स्टिंग ऑपरेशन के सिलसिले में तृणमूल कांग्रेस की सांसद काकोली घोष दस्तीदार की आवाज के नमूने का परीक्षण किया. सीबीआई ने ममता बनर्जी की अगुवाई वाली तृणमूल कांग्रेस के जिन 10 नेताओं और मंत्रियों को परीक्षण के लिए बुलाया था, उनमें काकोली घोष दस्तीदार का नाम भी शामिल है.

कथित स्टिंग ऑपरेशन के संबंध में सीबीआई ने पिछले एक महीने के भीतर, सुब्रत मुखर्जी, सौगत रॉय और मदन मित्रा सहित कई तृणमूल नेताओं की आवाज के नमूने जांच के लिए गए हैं.

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क्या है नारदा स्टिंग केस?

यह स्टिंग ऑपरेशन मामला 2014 का है जिसमें नारद न्यूज पोर्टल के प्रमुख मैथ्यू सैमुअल को एक व्यवसायी के रूप में तृणमूल के मंत्रियों और नेताओं से फायदा लेने के लिए संपर्क करते हुए देखा गया. बदले में उन्हें नकद राशि देने की पेशकश की.

नारदा न्यूज पोर्टल के संपादक और प्रबंध निदेशक सैमुअल ने 2016 में पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले एक स्टिंग वीडियो प्रसारित किया था.

स्टिंग ऑपरेशन के कथित वीडियो फूटेज को 2016 में विधानसभा चुनाव से पहले प्रसारित कर दिया गया. सीबीआई ने अप्रैल 2017 में कोर्ट के आदेश के बाद एक एफआईआर दर्ज की थी. इस एफआईआर में टीएमसी के लगभग 13 नेताओं के नाम थे. सीबीआई लगातार इन नेताओं से पूछताछ कर रही है.

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