लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीन के साथ जारी तनाव के बीच दिल्ली में एयर फोर्स कमांडर्स की कॉन्फ्रेंस हो रही है. कॉन्फ्रेंस तीन दिन तक चलेगी. कॉन्फ्रेंस में इस बात पर फोकस है कि भारत-चीन सीमा विवाद के बीच एयर फोर्स का ऑपरेशन और सेना की तैनाती कैसे हो.
लद्दाख की गलवान घाटी में चीन से उपजे विवाद के बाद इस पूरे इलाके में एयर फोर्स ने रणनीतिक रूप से काफी अहम भूमिका निभाई है. सीमा पर कई जंगी विमानों की तैनाती हुई है और चप्पे-चप्पे पर चीन की हरकतों पर नजर रखी जा रही है. मौजूदा वक्त में एयर फोर्स की भूमिका पर चर्चा के साथ ही कॉन्फ्रेंस में इस पर विमर्श होगा कि अगले दशक में इसकी ऑपरेशनल क्षमता को कैसे बढ़ाना है.
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कार्यक्रम में रक्षा सचिव और रक्षा उत्पादन सचिव के मौजूद रहने की संभावना है. एयर फोर्स कमांडर्स कॉन्फ्रेंस की अध्यक्षता एअर स्टाफ चीफ (सीएएस) एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया करेंगे. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कमांडर्स कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया. रक्षा मंत्री ने कहा कि चुनौतीपूर्ण समय में एयर फोर्स के काम की पूरा देश सराहना करता है. देश में फैली कोरोना महामारी के बीच सेना के कार्यों की भी चहुंओर तारीफ हो रही है.
कॉन्फ्रेंस में रक्षा मंत्री ने लद्दाख में अलर्ट रहने निर्देश दिए और चीन की किसी भी चुनौती से निपटने के लिए तैयार रहने को कहा. लद्दाख में एयर फोर्स की तैनाती पर विस्तार से चर्चा की गई. देश को राफेल विमानों की खेप मिलने वाली है. इसकी भविष्य में कैसे तैनाती की जाएगी और इस विमान का क्या रोल होगा, इस पर भी बातचीत की गई.
अभिषेक भल्ला