राजस्थान में नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के शपथ ग्रहण समारोह को भव्य बनाने के लिए तमाम दलों के बड़े नेताओं को आमंत्रित किया गया था. पिछली बार गहलोत के शपथ ग्रहण में नहीं पहुंची निवर्तमान मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने इस बार बड़ा दिल दिखाते हुए इस समारोह में शिरकत की.
हाल में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को तीन राज्यों में बहुमत मिली और कांग्रेस ने राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के नए मुख्यमंत्रियों के शपथ के लिए भव्य तैयारी की. शपथ ग्रहण का कार्यक्रम सबसे पहले राजस्थान में रखा गया है. जहां कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह समेत विपक्ष के तमाम दलों के नेता पहुंचे. लंबे समय के बाद जीत का स्वाद चखने वाली कांग्रेस इस शपथ ग्रहण समारोह के जरिए विपक्ष की ताकत दिखाने की कोशिश कर रही है.
अन्य दलों की बात करें तो इस कार्यक्रम में आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू, पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा, नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता फारूक अब्दुल्ला, एनसीपी नेता शरद पवार, शरद यादव, बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, असम के ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट के सांसद बदरुद्दीन अजमल ने शिरकत की.
निवर्तमान मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे जब पिछली बार अशोक गहलोत के शपथ ग्रहण समारोह में नहीं पहुंची थीं, तब इस बात को लेकर काफी चर्चा हुई थी. लेकिन इस बार वसुंधरा राजे ने बड़ा दिल दिखाया और कांग्रेस के बड़े नेताओं से पहले ही शपथ ग्रहण के कार्यक्रम में पहुंचीं. जहां मंच पर कांग्रेस के आला नेताओं ने भी उनका स्वागत किया.
राजस्थान में शपथ ग्रहण के कार्यक्रम के बाद मध्य प्रदेश में नए मुख्यमंत्री के तौर पर कमलनाथ का शपथ ग्रहण होना है, जिसमें बीएसपी सुप्रीमो मायावती, एसपी अध्यक्ष अखिलेश यादव, एनसीपी, टीएमसी समेत विपक्ष के तमाम नेता शामिल होंगे.
विवेक पाठक