राजस्थान चुनाव जैसे - जैसे नजदीक आ रहा है, कांग्रेस और बीजेपी के बीच जुबानी जंग तेज होती जा रही है. इसी कड़ी में कांग्रेस महासचिव अशोक गहलोत ने सोमवार को जयपुर में वसुंधरा राजे सरकार पर जमकर हमला बोला.
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस सत्ता में आई तो वसुंधरा राजे के इशारे पर काम करने वाले अधिकारियों को जेल की हवा खानी पड़ेगी. गहलोत ने कहा, ''राजस्थान में आईटी, माइनिंग, जयपुर पुलिस भ्रष्टाचार का अड्डा है. यहां पर आईएएस अधिकारियों का एक गिरोह करप्शन कर रहा है. इवेंट मैनेजमेंट के नाम पर लूट की जा रही है. वसुंधरा राजे के लिए काम करने वाले अधिकारियों को जेल जाना पड़ सकता है.''
राज्य के पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने अमित शाह पर भी हमला बोला. उन्होंने कहा कि शाह को वसुंधरा राजे के नाम से चुनाव में जाने में डर लग रहा है इसलिए मोदी के नाम पर वोट मांग रहे हैं. शाह जब तक अपने बेटे जय शाह के मामले में सफाई नहीं देते तब तक राजस्थान में आने का हक नहीं है. उन्होंने आगे कहा कि शाह, राजस्थान में बांग्लादेश और अखलाक का मसला उठाकर हिंदू-मुसलमान करना चाह रहे हैं.
हमारी सरकार में दोषियों पर होगी कार्रवाई
कांग्रेस के संगठन महासचिव अशोक गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार के मौजूदा कार्यकाल में विसर्जन राजस्थान सहित तमाम योजनाओं में भारी भ्रष्टाचार हुआ है. सरकार के महत्वपूर्ण विभाग करप्शन में आकंठ डूबे हुए है. गहलोत ने कहा कि पिछले कार्यकाल में भाजपा सरकार के करप्शन के खिलाफ आयोग बनाकर गलती की थी लेकिन इस बार सरकार बनने के बाद तुरंत जांच करवा कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने का काम किया जाएगा.
गहलोत ने कहा कि भाजपा के शासन काल में मुख्यमंत्री का पूरा फोकस माइनिंग, डिपार्टमेंट, पीएचडी, जयपुर कमिश्नरेट और आईटी डिपार्टमेंट पर रहा है. यह सभी डिपार्टमेंट भ्रष्टाचार का अड्डा बने हुए हैं, मुख्यमंत्री हेलीकॉप्टर से उड़ने में व्यस्त हैं, प्रदेश में क्या हो रहा है उन्हें इसकी जानकारी नहीं है.
भाजपा सरकार ने जनता का अपमान किया
गहलोत ने कहा कि जनता ने भाजपा सरकार को ऐतिहासिक बहुमत दिया था. लेकिन भाजपा सरकार की नाकामी ने जनता के जनादेश अपमान किया है. सत्ता में आते ही कांग्रेस की लाभकारी योजनाओं का बंद कर दिया गया. उन्होंने आगे कहा कि राज्य के सीएम के पास बताने के लिए पांच काम भी नहीं हैं.
मुख्यमंत्री गौरव यात्रा के दौरान बार-बार सवाल कर रही हैं कि कांग्रेस ने 50 साल में जो नहीं किया वह 5 साल में कर दिखाया है. असल में पिछले 28 सालों में 18 साल तक प्रदेश में भाजपा का शासन रहा है लेकिन कांग्रेस के 10 साल के कार्यकाल के समग्र विकास के बदले के मुकाबले वर्तमान 5 साल की सरकार पूरी तरह से नाकाम है.
उन्होंने आरोप लगाया कि वसुंधरा सरकार ने कांग्रेस की विकास योजना और कार्यक्रमों के नाम बदल दिए. आंगनबाड़ी कर्मियों के लिए 100 करोड़, अल्पसंख्यक कल्याण कोष के लिए 100 करोड़ के ABC कोष को रोक दिया. इसके अलावा रिफाइनरी, मेट्रो सेकेंड फेज, डूंगरपुर बांसवाड़ा रतलाम रेल परियोजना, प्रबंध सिंचाई और पेयजल परियोजना, मेमू कोच फैक्ट्री, धौलपुर से सरमथपुरा नैरोगेज का कनवर्जन और सरमथुरा से गंगापुर तक नई ब्रॉडगेज लाइन, अजमेर नसीराबाद सवाई माधोपुर रेलवे जैसी महत्वपूर्ण परियोजनाओं को लटकाए रखा है.
भामाशाह कार्ड योजना में भी भ्रष्टाचार
गहलोत ने कहा कि भामाशाह कार्ड योजना में भी भारी भ्रष्टाचार हुआ है. राजस्थान की सरकार ने भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना को लाकर निशुल्क दवा योजना को कमजोर करने का ही काम किया है. सीएजी की रिपोर्ट में इन योजनाओं के बारे में गंभीर टिप्पणी की गई लेकिन बीमा कंपनियों निजी अस्पतालों के बीच हुए गठजोड़ को लेकर बार-बार सवाल उठने के बावजूद फर्जी बिल बना कर भुगतान उठाया जाता रहा है. चिकित्सा विभाग ने भी बीमा कंपनी के 106 करोड रुपये की राशि को रोक दिया है जो कि दिखाता है कि सरकार की फ्लैगशिप योजना का क्या हाल है.
बेरोजगारी की दर में हुई बढ़ोतरी
अशोक गहलोत ने कहा कि रोजगार के मुद्दे पर वसुंधरा राजे ने 15 लाख युवाओं को सरकारी नौकरी देने का वादा किया था. राष्ट्रीय स्तर पर बेरोजगारी की दर 6% है लेकिन राजस्थान में यह दर बढ़कर 10% पहुंच गई है. मुख्यमंत्री युवाओं को 16 लाख नौकरियां देने का दावा कर रही है. जबकि सीएजी की रिपोर्ट बताती है 1 लाख 27 हजार 817 प्रशिक्षण प्राप्त युवाओं में से 42 हजार 758 युवाओं को ही रोजगार दिया गया है. जिनके सत्यापन पर केवल 9904 ही वास्तविक पाए गए हैं.
अशोक गहलोत ने लाभार्थियों के कार्यक्रम पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि भाजपा सरकार ने प्रदेश में पहली बार लाभार्थी और वंचित के नाम से दो अलग- अलग वर्ग बना दिए हैं. गहलोत ने भामाशाह डिजिटल परिवार योजना पर भी सवाल खड़े करते हुए कहा कि सरकारी खजाने से मोबाइल के लिए एक हजार रुपये की राशि उपलब्ध करवाने की व्यवस्था की गई है. लेकिन इस योजना पर खर्च होने वाले 1000 करोड रुपये का लाभ केवल एक कंपनी विशेष को ही मिलेगा.
राजस्थान का कर्ज भार बढ़ा
अशोक गहलोत ने गौरव यात्रा पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री इस दौरान लोकलुभावन घोषणाओं पर राजनीतिक हित साधने में लगी हैं. लेकिन इसके लिए ना तो कोई बजट का प्रावधान है और ना ही इन योजनाओं को पूरा करना मुख्यमंत्री के बस में है. गहलोत ने आगे कहा कि कैग की रिपोर्ट के मुताबिक कांग्रेस के समय राजस्थान पर 2012 -13 में 1 लाख 17 हजार 809 करोड़ रुपये का कर्ज भार था जबकि भाजपा सरकार ने आज उसके दुगुने का भार राज्य की जनता पर डाल दिया है.
शरत कुमार / दीपक कुमार