यौन शोषण केस में दोषी आसाराम को एक बार फिर राहत नहीं मिली है. आसाराम की ओर से राजस्थान उच्च न्यायालय में आयुर्वेद पद्वति से उपचार के लिए दो माह की अंतरिम जमानत के लिए अस्थायी सजा स्थगन याचिका पेश की गई थी, लेकिन इस बार भी आसाराम की उम्मीद पूरी नहीं हो पाई है. हाई कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी.
जस्टिस संदीप मेहता व जस्टिस देवेन्द्र कच्छवाहा की खंडपीठ ने एम्स अस्पताल में भर्ती आसाराम की नवीनतम रिपोर्ट देखने के बाद मामले में सुनवाई की. नवीनतम रिपोर्ट के साथ सरकारी अधिवक्ता अनिल जोशी ने रिपोर्ट पेश कर बताया कि आसाराम का बेहतर उपचार चल रहा है, हालत चिंताजनक होने पर एम्स अस्पताल में भर्ती करवाया गया था.
सरकारी वकील ने कहा कि 14 मई को गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल रक्तस्राव की वजह से उसका हीमोग्लोबिन कम हो गया था, चिकित्सकों ने आसाराम को दो यूनिट ब्लड भी चढ़ाया, जिससे अब हीमोग्लोबिन में सुधार हो चुका है, आसाराम को पहले से ही ट्राइजेमिनल न्यूराल्जिया, हृदय रोग के लिए उनके आयुर्वेदिक के साथ हाइपोथायरायडिज्म और प्रोस्टेट हाइपरप्लासिया दवाएं चल रही है, एम्स की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार आसाराम को बुखार कम हो गया है.
सरकारी वकील ने कहा कि अब आसाराम कोविड-19 के संक्रमण से मुक्त हो चुके हैं और अस्पताल से छुट्टी के लिए फिट है, रक्तस्त्राव के कारण आसाराम को आगे की जांच व उपचार के लिए प्रोक्टोस्कोपी और कोलोनोस्कोपी की सलाह दी गई थी लेकिन उन्होंने सहमति से इनकार किया.
आसाराम की ओर से वकील जेएस चौधरी ने कहा कि आसाराम ने लिखित में अपनी इच्छा व्यक्त की है कि वह एलोपैथिक उपचार नहीं लेना चाहते हैं, उसे आयुर्वेद के उपचार की जरूरत है. आसाराम के पाल स्थित आश्रम में आयुर्वेद के उपचार की व्यवस्था उनके अनुयायियों द्वारा की जा सकती है, इसके अलावा न्यायालय चाहे तो जोधपुर में राजस्थान आयुर्वेद विश्वविद्यालय करवड में भी आयुर्वेद के जरिये आसाराम का उपचार करवा सकते हैं, इसके लिए अंतरिम जमानत दी जाये.
इसके बाद राजस्थान हाई कोर्ट ने कहा कि आसाराम के अनुयायियों की वजह से ट्रायल के दौरान व जेल से बाहर लाने पर कानून व्यवस्था बिगड़ रही है, साथ ही वर्तमान में कोविड संक्रमण होने का खतरा भी मंडरा रहा है. न्यायालय ने आसाराम की ओर से पेश किये गये अस्थायी सजा स्थगन प्रार्थना पत्र को खारिज करते हुए आसाराम को उपचार के तुरन्त बाद जेल में भेजने के निर्देश दिए. आसाराम को कोरोना का उपचार कराने के लिए एम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया था. आसाराम को फिर से जोधपुर सेंट्रल जेल भेज दिया गया है.
आसाराम साल 2013 से ही लगातार जोधपुर की सेंट्रल जेल में हैं और कई बार उसने बीमारी के उपचार के बहाने अंतरिम जमानत आवेदन पेश किया, लेकिन आज तक ट्रायल कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक हर बार आसाराम की कोशिश फेल साबित हुई है.
अशोक शर्मा