डॉ. कफील खान एक बार फिर से सुर्खियों में हैं. उन्होंने शुक्रवार को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मुलाकात की है. डॉ. कफील ने सीएम के आवास पर जाकर राजस्थान सरकार को स्वास्थ्य बजट पर 3500 करोड़ रुपये के बजट पारित करने पर बधाई दी. वहीं मुख्यमंत्री गहलोत ने स्वास्थ्य क्षेत्र की बेहतरी के लिए डॉक्टर कफील के अनुभव का सदुपयोग करने की इच्छा जताई और उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा उनके उत्पीड़न के खिलाफ उनके संघर्ष में पूरी मदद का आश्वासन दिया.
गोरखपुर पुलिस ने पिछले महीने ही 81 हिस्ट्रीशीटरों की लिस्ट जारी की थी. बड़ी बात ये है कि इस लिस्ट के टॉप 10 में डॉ कफील का भी नाम शामिल है. बीआरडी मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन की कमी से हुई मौत मामले में डॉ कफील का नाम आया था और बाद में सीएए विरोधी प्रदर्शनों में भी उन्होंने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया था.
कफील पर एनएसए तक लगाया गया था. अभी तक पूरे गोरखपुर में 1562 हिस्ट्रीशीटर थे, अब 81 नए नाम जोड़े जाने के बाद ये संख्या 1643 हो गई है. डॉ. कफील का नाम 81 नए लोगों में टॉप 10 में है और अब उन पर नजर रखी जाएगी. डॉक्टर कफील के खिलाफ कई मामले दर्ज हैं और उन पर तीन बार रासुका यानी NSA भी लगाया जा चुका है. हालांकि, हाई कोर्ट ने उनके खिलाफ लगे एनएसए को रद्द कर दिया था.
बता दें कि डॉक्टर कफील खान को नागरिकता कानून के खिलाफ चल रहे आंदोलन के दौरान अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में एक भाषण देने के कारण जनवरी, 2020 में गिरफ्तार कर लिया गया था. उन पर एनएसए (National Security Act) कानून भी लगा दिया गया था. इसके करीब 6 महीने बाद इलाहाबाद हाई कोर्ट ने यूपी सरकार को फटकार लगाते हुए डॉक्टर कफील के ऊपर से एनएसए के चार्जेज हटा लिए थे.
कोर्ट ने कहा था कि उनके खिलाफ तुरंत एनएसएस हटाया जाए. उनका भाषण किसी भी दृष्टि से भड़काऊ नहीं है. इसके बाद एनएसए की डिटेंशन से डॉक्टर कफील को रिहा कर दिया गया.
शरत कुमार