पंजाब: बठिंडा में आज सरेंडर नहीं करेगा अमृतपाल सिंह, अकाल तख्त चीफ बोले- फेक न्यूज है

अकाल तख्त की ओर से कहा गया है कि मौजूदा समय में सरकार की ओर से पंजाब में सिख कौम की बात करने वाले पत्रकारों और मीडिया टीवी चैनलों की आवाज बंद की गई. इसको लेकर तलवंडी में आज स्पेशल मीटिंग का आयोजन किया गया.

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बठिंडा में शुरू हुई बैठक बठिंडा में शुरू हुई बैठक

मनजीत सहगल

  • चंडीगढ़,
  • 07 अप्रैल 2023,
  • अपडेटेड 2:39 PM IST

अकाल तख्त चीफ ने बठिंडा में आयोजित स्पेशल मीटिंग में बताया कि अमृतपाल सिंह यहां सरेंडर नहीं करेंगे, ये फेक न्यूज है कि वो यहां सरेंडर करने वाले हैं. मैंने उनसे सरेंडर करने की अपील की है. जत्थेदार ने अमृतपाल सिंह को लेकर हुए विवाद से दूरी बना ली है, वह उसको लेकर कोई भी टिप्पणी करने से बचते हैं. 

इसके अलावा ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने कहा नेशनल मीडिया एकतरफा रिपोर्टिंग करती है. अकाल तख्त निष्पक्ष पत्रकारिता करने वाले पत्रकारों के समर्थन में है. जो पत्रकार बैलेंस्ड समाचार दे रहे हैं और वास्तविक मुद्दे उठा रहे हैं, उनका समर्थन किया जाएगा. मीडिया और न्यायपालिका की आवाज दबाई जा रही है. 

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अकाल तख्त चीफ ने कहा कि सरकार की बात नहीं मानने वालों को चुप कराया जा रहा है. किसान आंदोलन के कारण ऐसी मीडिया का विकास हुआ. फ्लैग मार्च निकाला जा रहा है, पुलिस की तैनाती से दहशत फैल रही है. इस दौरान हरप्रीत सिंह ने लोगों से बैसाखी पर अधिक से अधिक संख्या में पहुंचने की अपील की. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय मीडिया इसे सरबत खालसा न समझे. 

अकाल तख्त चीफ ने पंजाब में मीडिया की स्थिति पर चर्चा करने के लिए बठिंडा में कार्यक्रम का आयोजन किया. दरअसल प्रशासन ने कई पत्रकारों और खालिस्तान समर्थकों के सोशल मीडिया चैनलों को ब्लॉक कर दिया, इनमें ज्ञानी हरप्रीत सिंह भी शामिल हैं. इसको लेकर सिखों के धार्मिक नेताओं में नाराजगी है. 

अकाल तख्त की ओर से कहा गया कि मौजूदा समय में सरकार की ओर से पंजाब में सिख कौम की बात करने वाले पत्रकारों और मीडिया टीवी चैनलों की आवाज बंद की है. अकाल तख्त प्रमुख और तख्त दमदमा साहिब के जत्थेदार तलवंडी साबो ज्ञानी हरप्रीत सिंह की ओर से धर्म प्रचार और सिख धर्म के लिए सिख मीडिया का योगदान विचारों की आजादी और सिख मीडिया को चुनौती के विषय में विशेष सम्मेलन का आयोजन करवाया जा रहा है.  

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बठिंडा के तलवंडी साबो के श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार की अगवाई में चल रहा है. इस स्पेशल मीटिंग में सिख पत्रकारिता के ऊपर कई पत्रकार स्पीच दे रहे हैं. कुछ देर बाद ही जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह भी भाषण देंगे. 
 

बैठक में मीडिया की स्थिति पर चर्चा

बठिंडा में तख्त दमदमा साहिब में एक प्रवक्ता ने कहा कि अमृतपाल पर कार्रवाई के बाद सिख समुदाय को बदनाम करने के लिए एक नैरेटिव बनाया गया. कई पत्रकारों के सोशल मीडिया अकाउंट्स को सिखों की आवाज को दबाने की कोशिश के चलते बंद कर दिया गया. मीडिया का एक वर्ग सिखों पर पक्षपातपूर्ण रवैया अपना रहा है. जिन सोशल मीडिया अकाउंट्स पर बैन लगाया गया है, उनकी बहाली की जानी चाहिए. अकाल तख्त की बैठक का एजेंडा पंजाब में मीडिया की स्थिति पर चर्चा करना है. 

इसके अलावा अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने सिख समुदाय से तख्त श्री दमदमा साहिब में 12 अप्रैल से 15 अप्रैल तक बैसाखी समागम में शामिल होने की भी अपील की है.  

अमृतपाल सिंह और उसके साथियों पर कार्रवाई को लेकर पंजाब सरकार और जत्थेदार हरप्रीत सिंह के बीच ठनी हुई है. दरअसल अमृतपाल के साथियों के खिलाफ पुलिस ने रासुका लगा दिया था, हरप्रीत सिंह ने जिसकी निंदा करते हुए भगवंत मान को अल्टीमेटम दिया था कि अमृतपाल के सहयोगी को पकड़ने वाले सिख युवाओं को पंजाब सरकार जल्द रिहा करे.  

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ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने क्या कहा था?  

जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने कहा कि इस देश में लाखों लोग हैं जो हिंदू राष्ट्र की बात करते हैं. जो भी लोग हिंदू राष्ट्र की मांग कर रहे हैं, उन पर भी केस दर्ज होना चाहिए. उन पर भी NSA के तहत कार्रवाई होनी चाहिए. अगर उन पर एक्शन होगा तो हम भी परिणाम भुगतने को तैयार रहेंगे. हरप्रीत सिंह ने मांग की थी कि पंजाब के जिन भी नौजवान युवकों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है, उन्हें तुरंत रिहा किया जाए. यहां तक कहा गया है कि अगर पंजाब के नौजवानों को पुलिस ने नहीं छोड़ा तो कोई हिंसक प्रदर्शन नहीं होगा, लेकिन कूटनीतिक तरीके से उचित जवाब दिया जाएगा. 

अमृतपाल ने की थी सरबत खालसा की मांग 

अमृतपाल ने 29 मार्च को अपना पहला वीडियो जारी किया था. इसमें उसने भारत और विदेशों में सिख समुदाय के लोगों से अन्याय के खिलाफ लड़ने का आह्वान किया था. उसने बैसाखी पर सरबत खालसा के मौके पर दुनियाभर के सभी सिख संगठनों से इसमें भाग लेने की अपील की है. साथ ही उसने कहा जत्थेदार को इस मामले में स्टैंड लेना चाहिए और सभी जत्थेदार और टकसाल को भी सरबत खालसा में भाग लेना चाहिए. 

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