आम तौर पर किसी भी नौकरीपेशा लोगों की एक रिटायरमेंट होती है. लेकिन भारतीय राजनीति में शायद ऐसा नहीं है. शरद पवार ने कहा है कि वो 82 साल के हों या 92 साल के इससे फर्क नहीं पड़ता. जब तक वो अच्छा काम कर रहे हैं सक्रिय राजनीति में बने रहेंगे. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या नेताओं के लिए रिटायरमेंट की उम्र होनी चाहिए?