शहरों के नाम बदलने से महंगाई, बेरोजगारी और कानून व्यवस्था में सुधार की संभावना पर सवाल उठ रहे हैं. देश के विकास और भाईचारे पर ध्यान देने की आवश्यकता बताई जा रही है. सच्चे इतिहास को दिखाने और सांप्रदायिकता न बढ़ाने की बात कही गई. मस्जिदों और धार्मिक स्थलों पर कार्रवाई के मुद्दे पर चर्चा हुई.