पीएम मोदी ने ड्रोन से की लाइट हाउस प्रोजेक्ट की समीक्षा, बेघरों को 2022 तक घर दिलाने का लक्ष्य

इंदौर में जो घर बन रहे हैं उनमें ईंट और गारे की दीवारे नहीं होंगी, बल्कि प्री फेबरिकेटेड सैंडविच पैनल सिस्टम इसमें इस्तेमाल किया जाएगा. राजकोट में बनने वाले घर में टनल के जरिए मोनोलिथिक कंक्रीट का इस्तेमाल होगा, फ्रांस की इस तकनीकी से हमें गति मिलेगी और बनने वाला नया ज्यादा आपदा को झेलने में सक्षम होगा.

Advertisement
पीएम मोदी ने हाउसिंग योजना का जाना हाल (फाइल फोटो) पीएम मोदी ने हाउसिंग योजना का जाना हाल (फाइल फोटो)

राहुल श्रीवास्तव

  • नई दिल्ली,
  • 03 जुलाई 2021,
  • अपडेटेड 5:48 PM IST
  • देशभर में लाइट हाउस प्रोजेक्ट की समीक्षा
  • पीएम मोदी ने ड्रोन से प्रोजेक्ट का लिया जायजा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को ड्रोन के जरिए देशभर में लाइट हाउस प्रोजेक्ट की समीक्षा की. उन्होंने लखनऊ, राजकोट, इंदौर, रांची, अगरतला और चेन्नई में विदेशी तकनीक का उपयोग कर बनाए जा रहे फ्लैटों के कामकाज की समीक्षा की. पीएम मोदी ने 1 जनवरी 2021 को लाइट हाउस प्रोजेक्ट को लॉन्च किया था.

इस स्कीम की खास बात यह है कि हाउसिंग प्रोजेक्ट पर तेजी से काम करने के लिए नई तकनीक का प्रयोग किया गया है. सभी छह लोकेशन पर मॉडर्न टेक्नोलॉजी के तहत काम जारी है.   

Advertisement

इंदौर में जो घर बन रहे हैं उनमें ईंट और गारे की दीवारे नहीं होंगी, बल्कि प्री फेबरिकेटेड सैंडविच पैनल सिस्टम इसमें इस्तेमाल किया जाएगा. राजकोट में बनने वाले घर में टनल के जरिए मोनोलिथिक कंक्रीट का इस्तेमाल होगा, फ्रांस की इस तकनीकी से हमें गति मिलेगी और बनने वाला नया ज्यादा आपदा को झेलने में सक्षम होगा.

और पढ़ें- गरीबों को सस्ते घरों का गिफ्ट, PM मोदी बोले-पहले पैसे देने पर भी मकान नहीं मिलते थे

लखनऊ में बनने वाले घर में कनाडा की तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है, इसमें पहले से दीवारें बनी होंगी, इन दीवारों को प्लास्टर और पेंट करने की भी जरूरत नहीं है. अगरतला में स्टील फ्रेम में तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है, इस तकनीक को न्यूजीलैंड से मंगाया गया है. इन घरों को भूकंप का कम से कम खतरा रहेगा. 

Advertisement

चेन्नई में अमेरिका और फिनलैंड की तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है. यहां पर प्री कास्ट कंक्रीट सिस्टम का इस्तेमाल किया जा रहा है. इससे घर तेजी से बनेगा और सस्ता भी होगा. रांची में जर्मनी के थ्री डी कंस्ट्रक्शन सिस्टम से घर बनाया जाएगा. इसमें हर कमरा अलग से बनेगा और फिर पूरे स्ट्रक्चर को वैसे ही जोड़ा जाएगा, जैसे लेगो ब्लॉक के खिलौने को जोड़ते हैं.

2022 तक देश के सभी बेघर परिवारों को घर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल 2022 तक देश के सभी बेघर परिवारों को पक्का आवास मुहैया कराने के लक्ष्य को हासिल करने के लिए इस योजना की शुरुआत की थी. इस प्रोजेक्ट के तहत केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर त्रिपुरा, आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात, झारखंड और तमिलनाडु में गरीब लोगों को सरकार सस्ते, भूकंप रोधी और मजबूत मकान मुहैया कराएगी.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लॉन्चिंग के दौरान कहा था कि ये लाइट हाउस प्रोजेक्ट आधुनिक तकनीक से बनेंगे. ये ज्यादा मजबूत होंगे और गरीबों को सुविधाजनक और आरामदायक घर मिलेगा. एक समय था जब निर्माण सरकार की प्राथमिकता में नहीं था, लेकिन इसे बदला गया. आवास निर्माण भी स्टार्ट अप की तरह चुस्त दुरूस्त रहेंगे. 

रोजाना बनेंगे ढाई से तीन घर 

Advertisement

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान के मुताबिक लाइट हाउस प्रोजेक्ट के तहत देश के 6 शहरों में 365 दिनों में 1 हजार मकान बनेंगे. पीएम ने कहा कि इसका मतलब ये है कि रोजाना ढाई से तीन मकान बनेंगे. उन्होंने इंजीनियर, विद्यार्थियों और प्रोफेसरों से अपील की कि वे इन साइटों पर जाएं और इन प्रोजेक्ट का अध्ययन करें.

इन सभी प्रोजेक्ट के लिए विदेशी तकनीक का सहारा लिया गया है, आप इसका अध्ययन करें और ये देखें कि क्या ये भारत के लिए सही है या फिर इसमें कुछ सुधार की गुंजाइश है.
 

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement