खनन क्षेत्र में आएंगी 55 लाख नौकरियां, संसद से मंजूर हुआ ये विधेयक

राज्यसभा ने खनन और खनिज (विकास और विनियम) संशोधन विधेयक-2021 पारित कर दिया. बिल पर चर्चा की शुरुआत करते हुए खान मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि इस विधेयक से खनन क्षेत्र में 55 लाख रोजगार सृजित होंगे. जानें क्या बदलेगा इस विधेयक से.

Advertisement
खनन क्षेत्र से जुड़ा विधेयक पारित (सांकेतिक फोटो) खनन क्षेत्र से जुड़ा विधेयक पारित (सांकेतिक फोटो)

aajtak.in / आनंद पटेल

  • नई दिल्ली,
  • 22 मार्च 2021,
  • अपडेटेड 9:03 PM IST
  • रोजगार पर मनोज कुमार झा की चुटकी
  • विपक्ष की बिल चयन समिति में भेजने की मांग
  • ‘देश में प्रतिस्पर्धी नीलामी मनमोहन सिंह लाए’

राज्यसभा ने खनन और खनिज (विकास और विनियम) संशोधन विधेयक-2021 पारित कर दिया. बिल पर चर्चा की शुरुआत करते हुए खान मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि इस विधेयक से खनन क्षेत्र में 55 लाख रोजगार सृजित होंगे. जानें क्या बदलेगा इस विधेयक से:

‘बढ़ेगी निजी क्षेत्र की भागीदारी’
 

मंत्री प्रह्लाद जोशी ने राज्यसभा में खनन और खनिज (विकास और विनियम) संशोधन विधेयक-2021 पेश करते हुए कहा कि यह विधेयक खनन क्षेत्र में निजी क्षेत्र की भागीदारी बढ़ाएगा. साथ ही खनन गतिविधियों में नई प्रौद्योगिकी को लाने में मदद करेगा. इससे क्षेत्र में रोजगार पैदा होंगे.

Advertisement

‘55 लाख रोजगार का सृजन’

 जोशी ने कहा कि इस विधेयक से खनन क्षेत्र में खानों की नीलामी की राह आसान होगी. इससे क्षेत्र में 55 लाख रोजगार पैदा होंगे.

रोजगार पर मनोज कुमार की चुटकी

बिल पर चर्चा के दौरान जब आरजेडी सांसद मनोज कुमार झा बोलने के लिए खड़े हुए तो उन्होंने कहा कि जोशी जी पहले ऐसे मंत्री हैं जिन्होंने 2014 के बाद रोजगार की बात की है. बस अब आप इसका हाल दो करोड़ रोजगार वाले जुमले की तरह ना करें.

‘नहीं कम होंगे राज्यों के अधिकार’

प्रह्लाद जोशी ने कहा कि इससे राज्यों के खानों की नीलामी के अधिकार छिन जाने की बात कही गई. लेकिन वह सदन को आश्वस्त करते हैं कि राज्यों के अधिकार नहीं छिनेंगे. इस बारे में राज्यों के साथ चर्चा हो चुकी है. 

Advertisement

बिल चयन समिति में भेजने की मांग

राज्यसभा में बिल पर चर्चा के दौरान विपक्ष ने इसे चयन समिति को भेजने की बात कही. कांग्रेस की ओर से चर्चा की शुरुआत दिग्विजय सिंह ने की. उन्होंने कहा कि सरकार का दावा है कि उसने इस विधेयक को चयन समिति में भेजा है. लेकिन मैं दावे के साथ कह रहा हूं कि ये बिल ना तो 2017, 2018 और उसके बाद भी चयन समिति में नहीं भेजा गया. हम चयन समिति में इस विधेयक के हर पहलू पर चर्चा करने के पक्षधर हैं.

‘देश में प्रतिस्पर्धी नीलामी मनमोहन सिंह लाए’

विधेयक पर चर्चा के दौरान दिग्विजय सिंह ने कहा कि देश में पहली बार प्रतिस्पर्धी नीलामी पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह  लेकर आए. तब भाजपा की सत्ता वाले राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने इसका विरोध किया था. इसमें झारखंड, छत्तीसगढ़ और राजस्थान के मुख्यमंत्री शामिल थे. इतना ही नहीं खनन से लाभ में हिस्सेदारी की अवधारणा मनमोहन सरकार 2010 में लाई थी. प्रणव मुखर्जी की अध्यक्षता में बने ग्रुप ऑफ मिनिस्टर ने जिन लोगों की जमीन ली गई खनन के लिए उन्हें लाभ में 26% हिस्सेदारी देने का फैसला किया.

‘प्रह्लाद जोशी का दिग्विजय पर पलटवार’

खनन और खनिज (विकास और विनियम) संशोधन विधेयक 2021 पर जवाब देते हुए जोशी ने दिग्विजय सिंह को आड़े हाथों लिया. उन्होंने कहा कि आपने नीलामी का कॉन्सेप्ट लाने की बात कही. समस्या ये है कि आप कॉन्सेप्ट तो ले आते हैं कि लेकिन इम्प्लीमेंट नहीं कर पाते. आप नीलामी का कॉन्सेप्ट 2004 में लाए फिर इसे कानून का हिस्सा 2010 में बनाया और 2012 से लागू करने की डेट रखी. इसके बाद इसके लिए प्रक्रियाएं तय करने में 2013 तक का समय लगा दिया. 

Advertisement

ये भी पढ़ें:

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement