मोदी के कैबिनेट विस्तार (Cabinet Reshuffle) से पहले बाबुल सुप्रियो ने इस्तीफा दे दिया है. जिसके बाद अब सभी की पश्चिम बंगाल पर नजरें टिकी हैं. दरअसल, पश्चिम बंगाल उन प्रमुख राज्यों में से एक है जहां कैबिनेट फेरबदल में बदलाव देखने को मिलेगा. बता दें कि बुधवार शाम को 6 बजे मोदी कैबिनेट का विस्तार होना है. इसमें कुल 43 मंत्री शपथ लेंगे.
2024 को देखते हुए पार्टी का सोचना है कि कैबिनेट फेरबदल में बंगाल को अहमियत देनी चाहिए. बंगाल के बीजेपी सूत्रों को पूरा भरोसा है कि बंगाल के चार सांसदों को मंत्रालय में जगह मिल रही है. जिसमें जॉन बारला और डॉ. सुभाष सरकार के अलावा शांतनु ठाकुर और निशीथ प्रमाणिक को भी शामिल किया जा सकता है.
शांतनु ठाकुर का नाम लगभग फाइनल
ऐसे में सूत्र कह रहे हैं कि शांतनु ठाकुर का नाम स्पष्ट कारणों से लगभग फाइनल है. शांतनु, बंगाल में मतुआ समुदाय का प्रतिनिधित्व करते हैं, जिसमें बांग्लादेश के पास के जिलों में रहने वाले लगभग 2 करोड़ मतदाता हैं.
2019 के लोकसभा चुनावों में मतुआ समुदाय ने बीजेपी का समर्थन किया और अगर बीजेपी 2024 में बढ़त बनाए रखना चाहती है, तो मतुआ समुदाय का प्रतिनिधित्व महत्वपूर्ण है.
निशीथ प्रमाणिक का नाम चर्चा में
एक और नाम जो चर्चा में है, वह है निशीथ प्रमाणिक. निशीथ को पीएम नरेंद्र मोदी का बहुत करीबी कहा जाता है और वह उत्तर बंगाल का प्रतिनिधित्व करते हैं, जहां से 2019 के लोकसभा चुनावों में लगभग 7 सांसद दिए.
हालांकि कैबिनेट में फेरबदल में दिनेश त्रिवेदी का भी नाम चल रहा है, लेकिन बंगाल बीजेपी के सूत्रों का कहना है कि इसकी संभावना नहीं है कि दिनेश को मौका मिलेगा क्योंकि वह नवागंतुक हैं और अगर उन्हें मौका दिया गया तो वह बंगाल में गलत संदेश देंगे.
वहीं देबोश्री चौधरी इस्तीफा देने के लिए पूरी तरह तैयार हैं क्योंकि उन्हें बंगाल में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका दी जा सकती है. इसके अलावा भाजपा, दिलीप घोष को बंगाल में पार्टी अध्यक्ष पद से हटाकर देबोश्री चौधरी को बंगाल भाजपा का नया अध्यक्ष बन सकती है.
मोदी कैबिनेट का पहला बड़ा बदलाव
मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का ये पहला बदलाव है. अगले साल उत्तर प्रदेश समेत कई अहम राज्यों में विधानसभा चुनाव होना है, ऐसे में केंद्रीय कैबिनेट के जरिए इन्हें साधने की कोशिश है. इसके अलावा जातीय, क्षेत्रीय समीकरण को साधने की कोशिश की जा रही है.
मोदी कैबिनेट में इस बार भाजपा के अलावा एनडीए के अन्य सहयोगियों को भी मौका दिया जा रहा है, जिसमें बिहार से जदयू, लोजपा और यूपी से अपना दल को केंद्रीय कैबिनेट में मौका मिल सकता है.
अनुपम मिश्रा