कर्नाटक में कैबिनेट विस्तार के बाद से सियासी हलचल तेज है. कई नए बने मंत्री विभागों के आवंटन से खुश नहीं हैं. दूसरी ओर असंतुष्ट विधायकों का एक गुट सीएम येदियुरप्पा के खिलाफ बैठकें कर रहा है. इस बीच चिकमंगलूर के एक रिसॉर्ट में मंत्री रमेश जारकीहोली की कुछ दूसरे मंत्रियों और विधायकों से मुलाकात हुई. इसके बाद से कर्नाटक में रिसॉर्ट पॉलिटिक्स की चर्चा तेज हो गई.
मंत्री रमेश जारकीहोली ने नाराज बीजेपी विधायकों से मुलाकात की. इस दौरान जो मंत्री अपने पोर्टफोलियो से नाखुश हैं, वे भी मौजूद थे. इनमें सुधाकर, योगेश्वर, गोपालैया और शंकर जैसे नेताओं का नाम शामिल है. मालूम हो कि कैबिनेट विस्तार के बाद से सीएम येदियुरप्पा को अपने ही विधायकों की नाराजगी का सामना करना पड़ रहा है. बीजेपी के करीब 15 विधायक अपनी ही सरकार के खिलाफ बागी होते जा रहे हैं. ये विधायक एक-दूसरे से संपर्क में हैं. अब तो रिसॉर्ट पॉलिटिक्स भी शुरू हो गई है, ऐसे में राज्य में सियासी हलचल तेज हो गई है.
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गौरतलब है कि बीएस येदियुरप्पा ने 13 जनवरी को अपनी कैबिनेट का विस्तार किया और इसमें 7 नए चेहरों का जगह दी. नाराज बीजेपी विधायकों का कहना है कि कैबिनेट में वैसे लोगों को जगह दी गई है, जो पहले से ही सत्ता का सुख भोगते आए हैं. इन्हें मंत्री बनाने के लिए तय किया गया पैमाना गलत है. बताया जा रहा है कि जिन कांग्रेस और जेडीएस विधायकों ने कुमारस्वामी सरकार गिराई थी, उन्हीं में से कुछ अब बीजेपी के टिकट पर जीतकर येदियुरप्पा की मुश्किलें बढ़ा रहे हैं.
यही नहीं कर्नाटक में कैबिनेट विस्तार को लेकर बीजेपी के कुछ विधायकों ने खुली बगावत कर दी है. पार्टी के विधायक बसनगौड़ा यतनाल ने सीएम येदियुरप्पा पर गंभीर आरोप लगाए थे. उन्होंने कहा कि येदियुरप्पा को राजनीति से संन्यास ले लेना चाहिए, जो भी ब्लैकमेल करता है या पैसा देता है, उसे मंत्री बना दिया जाता है.
मालूम हो कि कर्नाटक में रिसॉर्ट पॉलिटिक्स के बीच ही कुमारस्वामी सरकार गिर गई थी. ऐसे में मौजूदा येदियुरप्पा सरकार पहले से ही एक्टिव हो सकती है. फिलहाल तेज होती सियासी हलचल के बीच बीजेपी की ओर से अभी कोई बयान नहीं बयान आया है.
नागार्जुन