राहुल गांधी को कथित रूप से जान से मारने की धमकी देने के आरोप झेल रहे बीजेपी नेता प्रिंटू महादेवन ने बुधवार को इन आरोपों को खारिज करते हुए खुद को अहिंसावादी बताया. उन्होंने कहा कि उन्होंने कभी किसी को धमकी नहीं दी और न ही कोई भड़काऊ बयान दिया है.
पत्रकारों से बातचीत में महादेवन ने कहा कि वह एक शिक्षक हैं और हमेशा से अहिंसा के रास्ते पर चलते आए हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि लद्दाख हिंसा पर एक टीवी चैनल की बहस के दौरान उनके बयानों को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया और एक एजेंडे के तहत उनकी छवि खराब करने व राजनीतिक करियर को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की गई.
महादेवन, जिन्हें सोमवार रात गिरफ्तार किया गया था और बाद में अदालत में पेश करने के बाद जमानत पर रिहा कर दिया गया, ने यह भी दावा किया कि पुलिस ने उन्हें पकड़ने के नाम पर उनके घर में प्रवेश किया और परिवार को डराया-धमकाया. उन्होंने कहा कि इस कठिन समय में उनकी पार्टी उनके साथ खड़ी रही.
उन्होंने कहा, "मैं सिर्फ अपना पक्ष स्पष्ट करने और सच्चाई सामने रखने के लिए बोल रहा हूं."
इस बीच, विपक्षी कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ ने सत्तारूढ़ सीपीआई (एम) सरकार पर देरी से कार्रवाई करने को लेकर निशाना साधा. वहीं, वाम दल ने पलटवार करते हुए कहा कि विपक्ष के पास कहने के लिए कुछ और नहीं है इसलिए वह "गैर-मुद्दों" को उठा रहा है.
उधर, बीजेपी के राज्य अध्यक्ष राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि पार्टी महादेवन की टिप्पणियों से सहमत नहीं है और यह बात उन्हें बता भी दी गई है.
उन्होंने कहा, "हमारे एक प्रवक्ता ने गुस्से में, भावनाओं में आकर कुछ कहा था. हमने उन्हें बता दिया कि यह सही नहीं है और उन्होंने इसे स्वीकार भी कर लिया है."
चंद्रशेखर ने आगे कहा, "हम विचारधारा और विकास की राजनीति करते हैं. हमारी राजनीति प्रदर्शन और कामकाज पर आधारित है, न कि किसी के प्रति व्यक्तिगत दुश्मनी पर."
गौरतलब है कि 26 सितंबर को बांग्लादेश और नेपाल में हुए प्रदर्शनों पर टीवी बहस के दौरान महादेवन ने कथित रूप से कहा था कि भारत में ऐसे विरोध संभव नहीं हैं क्योंकि यहां के लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ हैं. उन्होंने कथित तौर पर यह भी जोड़ा कि अगर राहुल गांधी ऐसी ही महत्वाकांक्षा रखते हैं तो "गोलियां उनके सीने को चीर देंगी."
29 सितंबर को महादेवन कुछ पार्टी सदस्यों के साथ पुलिस के सामने पेश हुए, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया और फिर जमानत पर छोड़ दिया गया.
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