लोकसभा चुनाव से पहले अहम माने जाने वाले राज्यों के विधानसभा चुनाव नतीजों ने 'W' (महिला) फैक्टर को एक बार फिर केंद्र में ला दिया है. माना जा रहा है कि हिंदी हार्टलैंड में महिलाओं ने पीएम के चेहरे पर भरोसा जताते हुए बीजेपी को खूब वोट दिया. ऐसे में पार्टी ने अपनी चुनावी रणनीति को W फैक्टर के इर्द-गिर्द रखने का फैसला किया है. इसकी शुरुआत इसी हफ्ते से होगी. दरअसल, लखनऊ में आठ राज्यों की महिला कार्यकर्ताओं का जमावड़ा होने वाला है.
महिला केंद्रित राजनीति की रणनीति के लिए तैयारी के लिए लखनऊ में 10 दिसंबर से कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है. इसमें 8 राज्यों की महिला कार्यकर्ताओं को बुलाया गया है. इनमें मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान की कार्यकर्ता भी शामिल हैं. इसके अलावा कार्यशाला में उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, ओडिशा और पश्चिम बंगाल की महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्षों और प्रदेश महामंत्रियों को बुलाया गया है. बैठक में आधी आबादी से संबंधित चुनावी अभियानों का ब्लू प्रिंट सौंपा जाएगा. ये पदाधिकारी राज्यों की अन्य महिला पदाधिकारियों के साथ इस रणनीति को साझा करेंगी.
9 महिला केंद्रित अभियान चलाएगी पार्टी
बैठक में बीजेपी महिला मतदाताओं को लेकर अपने विस्तृत प्लान और रणनीति को पदाधिकारियों के साथ साझा करेगी. इसमें लोकसभा चुनाव के लिए चलाए जाने वाले 9 अभियानों को लेकर महिला पदाधिकारियों को प्रशिक्षित किया जाएगा.
इसमें नवयुवती मतदाता अभियान, एनजीओ समागम, प्रबुद्ध वर्ग को जोड़ने के लिए स्मार्ट महिला अभियान, महिला खिलाड़ियों को जोड़ने के लिए स्पोर्ट्स ग्रुप अभियान, महिला लेखकों और पत्रकारों को जोड़ने के लिए विशेष अभियान, महिला यात्रियों और आत्मनिरभर महिला के लिए ट्रैव्लर्स अभियान, घर में रहने वाली महिलाओं के लिए अभियान, स्वयं सहायता समूहों में काम करने वाली महिलाओं को जोड़ने के लिए विशेष अभियान हैं और ट्रांसजेंडर समूहों के लिए अभियान शामिल हैं.
महिला केंद्रित योजनाओं पर फोकस
अलग अलग अभियानों की संयोजक 9-12 महिला कार्यकर्ताओं को भी लखनऊ में कार्यशाला में बुलाया गया है. इसमें इन अभियानों को लेकर विस्तृत चर्चा होगी. साथ ही उनको प्रशिक्षण भी दिया जाएगा. महिला वोटर चेतना अभियान को लेकर भी समीक्षा की जाएगी. दरअसल पार्टी के रणनीतिकार ये मानते हैं कि महिलाओं का बीजेपी के प्रति ये रुझान अचानक नहीं हुआ. इसके लिए उज्जवला योजना से लेकर प्रधानमंत्री आवास तक की योजनाएं शामिल हैं, जिसमें महिलाओं को ही टारगेट कर उनको लाभ दिया गया.
पिछले साल हुए यूपी विधानसभा चुनाव में बीजेपी की सत्ता में वापसी की बड़ी वजह ये महिला लाभार्थी( women beneficiaries) थीं. यूपी बीजेपी महिला मोर्चा की अध्यक्ष सांसद गीता शाक्य का कहना है कि 'महिलाएं मोदी जी पर भरोसा करती हैं. प्रधानमंत्री मोदी की सोच महिलाओं को सशक्त बनाने की है. चाहे केंद्र की उज्जवला जैसी योजना हो या यूपी जैसे राज्य में महिलाओं के खिलाफ अपराध कम होना. बीजेपी सरकारों ने हमेशा बहनों के लिए काम किया है. महिला मोर्चा को लोकसभा चुनाव से पहले 9 महिला केंद्रित अभियानों की जिम्मेदारी मिलने वाली है. बीजेपी ने महिला मतदाताओं की भूमिका को भांपते हुए पहली बार महिला कार्यकर्ताओं की टीम को बूथ स्तर पर दी है.
शिल्पी सेन