बीजेपी का आज अपना 39वां स्थापना दिवस मना रही है. इस मौके पर बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कार्यकर्ताओं को संबोधित करेंगे. इस मौके पर हम आपको बीजेपी के उन चेहरों से रूबरू करवा रहे हैं, जिनके बारे में लोग कम ही जानते हैं.
मुरलीधर राव राजनीतिक कार्यकर्ता और नेता हैं, वे वर्तमान में बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव हैं. बीजेपी में शामिल होने से पहले राव स्वदेशी जागरण मंच के संगठन सचिव थे.
राम माधव, बीजेपी के सबसे संभावनाशील चेहरों में से एक हैं. आमतौर पर सुर्खियों से दूर रहते हैं, लेकिन संगठन पर उतनी ही मजबूत पकड़ है. माधव 22 अगस्त 1964 में आन्ध्र प्रदेश के अमलापुरम में पैदा हुए थे. बीजेपी में आने से पहले राम माधव राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में थे. वे बचपन से ही संघ से जुड़े रहे, फिलहाल वे पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव हैं. 2014 में बीजेपी में आने से पहले राम माधव आरएसएस के राष्ट्रीय प्रवक्ता थे. जम्मू-कश्मीर के अलावा पूर्वोत्तर के राज्यों में बीजेपी की सरकार बनाने में राम माधव की अहम भूमिका रही है.
राम लाल भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव हैं. राम लाल पश्चिमी उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक भी रहे हैं. इन्हें बीजेपी और आरएसएस के बीच का संतुलनकर्ता भी माना जाता है.
गोविंदाचार्य आरएसएस के स्वदेशी आंदोलन के संरक्षक रहे हैं. 1988 में उन्होंने बीजेपी ज्वाइन की थी, वे 2000 तक बीजेपी में महासचिव के तौर पर काम करते रहे. गोविंदाचार्य ने अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल में वाजपेयी को 'बीजेपी का मुखौटा' और आडवाणी को 'असली चेहरा' कह दिया था, जिसके बाद लाख सफाई देने के बाद भी उन्हें पार्टी से बाहर जाने को विवश कर दिया गया. बीजेपी छोड़ने के बाद गोविंदाचार्य ने खुद को अकादमिक सक्रियता तक सीमित रखा था.
अरविंद मेनन मध्य प्रदेश में काफी लंबे समय से संगठन महामंत्री रहे हैं. मेनन ने विधान सभा चुनावों में भी अहम भूमिका निभाई थी. अरविंद मेनन बनारस के रहने वाले हैं. मेनन को संगठन और चुनाव की महारथ हासिल है.
देश की राजनीति में बीजेपी को इस मुकाम पर पहुंचाने में कुशाभाऊ ठाकरे का विशेष योगदान है. भारतीय जनता पार्टी में ठाकरेजी को पितृ पुरुष कहा जाता है. उनका जन्म 15 अगस्त 1922 को मध्यप्रदेश के धार जिले में हुआ था. 28 दिसंबर 2003 को ठाकरेजी का निधन हो गया. कुशाभाऊ ठाकरे के खिलाफ इंदिरा गांधी को खुद चुनाव प्रचार करने उतरना पड़ा था. कुशाभाऊ ठाकरे की स्मृति में छत्तीसगढ़ की रमन सरकार ने कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय छत्तीसगढ़ का पहला व देश का दूसरा पत्रकारिता विश्वविद्यालय खोला. विश्वविद्यालय की नींव सन् 2004 में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने रखी थी.
पश्चिम बंगाल में बीजेपी का सबसे बड़ा चेहरा रहे तपन सिकदर ने बीजेपी को वामपंथी शासन के दौरान बंगाल में अपनी जगह बनाने में मदद की. वे बीजेपी के लिए उस दौर में काम करते थे जब बीजेपी के लोगों पर सत्ताधारी पार्टी के कार्यकर्ता अक्सर हमला कर देते थे. सिकदर का जन्म बांग्लादेश के जेस्सोर में 20 सितंबर 1944 को हुआ था. विभाजन के बाद उनके माता-पिता बंगाल आ गए थे. 2 जून 2014 को दिल्ली के एम्स अस्पताल में सिकदर की मृत्यु हो गई थी.
सुनील बंसल राजस्थान से बीजेपी नेता और वर्तमान में पार्टी के राज्य महासचिव हैं. बंसल को बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह का दायां हाथ भी कहा जाता है. बंसल राजस्थान में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के एक कार्यकर्ता थे. 2014 के लोकसभा चुनाव के समय अमित शाह ने इन्हें अपने साथ काम करने के लिए मिलाया था.
स्वतंत्र देव सिंह उत्तर प्रदेश कैबिनेट में राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) हैं. इनका जन्म 13 फरवरी, 1964 को मिर्जापुर जिले के एक गांव में हुआ था. स्वतंत्र देव सिंह ने राजनीति की शुरुआत छात्र संघ चुनाव से की थी.
संजय जोशी की पहचान एक सादा जीवन जीने वाले राष्ट्रीय स्वयंसेवी संघ के कार्यकर्ता के तौर पर है. पेशे से मैकेनिकल इंजीनियर, संजय जोशी पहले इंजीनियरिंग के छात्रों को पढ़ाते थे. बाद में उन्होंने अपना जीवन आरएसएस को समर्पित कर दिया. संजय जोशी सबसे पहली बार 1988 में सुर्खियों में आए जब आरएसएस ने उन्हें गुजरात भाजपा इकाई में काम करने के लिए भेजा. उसी समय नरेंद्र मोदी को गुजरात भाजपा का महासचिव नियुक्त किया गया और संजय जोशी को प्रभारी के तौर पर गुजरात में काम करने के लिए भेजा गया. दोनों की जिम्मेदारी राज्य में पार्टी इकाई को मजबूत करना था.