केंद्र सरकार एक अहम बिल लाने की तैयारी में है, जिसे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह लोकसभा में पेश करेंगे। इस बिल के प्रावधान के अनुसार, अगर किसी गंभीर मामले में प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री या किसी मंत्री को जेल होती है और वे 30 दिन तक हिरासत में रहते हैं, तो 31वें दिन उन्हें अपना पद छोड़ना होगा। बीजेपी ने अपने लोकसभा सांसदों को व्हिप जारी कर सदन में मौजूद रहने को कहा है ताकि बिल को पास कराया जा सके। इस बिल पर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी बहस छिड़ गई है। जेडीयू ने इसे एक स्वागत योग्य कदम बताया है, जबकि समाजवादी पार्टी के राम गोपाल यादव ने कहा, "अब जिन राज्यों में बीजेपी के मुख्यमंत्री नहीं हैं, मंत्री नहीं हैं उनको हटाने के लिए एक दूसरा तरीका ये गवर्नमेंट ला रही है, डेमोक्रेटिक नॉर्म्स नाम की कोई चीज़ बची नहीं?"